नंदन नीलेकणि ने कहा ‘शुरुआत में आधार में कई दिक्कतें आई पर अब समस्या नहीं’ 

Team Suno Neta Friday 25th of January 2019 10:07 AM
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नंदन नीलेकणि

गुरुवार को इन्फोसिस के अध्यक्ष और आधार कार्ड की परिकल्पना करने वाले नंदन नीलेकणि ने कहा कि अनूठे राष्ट्रीय पहचान पत्र परियोजना की शुरुआत में तमाम दिक्कतें आयी थी लेकिन अब सब कुछ सुलझ चुका है।

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2019 में ‘डिजिटल दुनिया में पहचान’ विषय पर आयोजित एक सत्र में बोलते हुए कहा, “आधार कोई आंकड़े जुटाने का साधन नहीं है बल्कि यह न्यूनतम आंकड़ों और सूचनाओं का प्रयोग कर दो प्रमुख आवश्यकताओं को पूरा करता है। जिसमें एक है बुनियादी और विशिष्ट पहचान-पत्र प्रदान करना और दूसरा यह सुनिश्चित करना है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे।”

उन्होंने कहा कि भारतीय पहचान-पत्र प्रणाली को आधार कहा जाता है जिसका अर्थ है नींव या बुनियाद और यह विचार 2006 में आया। इसके कई कारण थे जिनमें नौकरी के लिए शहरों में जाने वाले लोग, बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड नहीं होना और और जिनके पास बुनियादी दस्तावेज नहीं हैं ऐसे लोगों को मुख्यधारा में लाना।

नीलेकणि ने कहा कि जैसे ही सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के लिए अधिक से अधिक धन खर्च करना शुरू किया। एहसास हुआ कि बहुत सारा पैसा रास्ते में ही बर्बाद होता जा रहा है और फिर यह सोचा कि डिजिटल ID से लाभकारी योजनाओं को सही लाभार्थियों तक पहुंचाने में मदद मिल सकती है।


 
 

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