कोरोना काल मे देश मे मिसाल बना वर्चुअल श्रावणी महोत्सव 2020 

Bihari Bandhu  Monday 20th of July 2020 12:22 AM
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बिहार प्रदेश भाजपा कला एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ 2020 ( 14 डे) सावन की उमंग कला कक्ष की प्रस्तुति डॉ पल्लवी विश्वास निर्देशित यशोधरा नृत्य नाटिका एवं प्रेरणा लाल जी और साथ में फिल्म अभिनेता पंकज केसरी जी के संग। कला एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ बिहार की पहली वर्चुअल महोत्सव की प्रस्तुति का आज 14 दिवस था । कार्यक्रम की शुरुआत में शहीद मंगल पांडे जी की पुण्यतिथि पर आज उनको नमन किया गया। भारत के प्रथम आजादी का बिगुल फूंकने वाले स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे जी को सत सत नमन करने और उनके योगदान को याद करने के बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। आज के कार्यक्रम में कुंदन आनंद जी ने देशभक्ति गीतों और कविताओं से माहौल देश भक्ति से भर दिया सभी दर्शकों ने भी मंगल पांडे जी को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रेरणा लाल जी ने कुछ खट्टी मीठी यादें दर्शकों के साथ साझा की। उन्होंने कहा संगीत मेरी धरोहर है, या मुझे विरासत में मिली है, मेरे दादाजी और पिताजी भी संगीत से जुड़े हुए थे। मैंने संगीत में बहुत कुछ सीखा है और बहुत कुछ सीख रही हूं। प्रेरणा जी ने आज कार्यक्रम में बहुत ही मधुर और खूबसूरत भजन सुनाया। गोवर्धन गिरधारी.... सालोना सा सजन है.... छाप तिलक....... बरसन लागे..... प्रेरणा लाल जी के मधुर स्वरों से दर्शक झूम उठे। कार्यक्रम में आगे पंकज केसरी (अभिनेता) जी ने दर्शकों का स्वागत किया और वरुण सिंह जी को इस कार्यक्रम का श्रेय दिया, और कहा कि बिहार के सभी कलाकारों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य वरुण सिंह जी ने किया है। उन्होंने भोजपुरी फिल्म बकलोल दूल्हा, प्रतिज्ञा, विधाता, तेजाब, इत्यादि सुपरहिट फिल्में दी है। साउथ की उन्होंने अभी तक 14 फिल्मों में काम किया है। उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। फिल्म की दुनिया में उन्होंने अपना एक मुकाम बनाया है, जो काबिले तारीफ है। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया भोजपुरी फिल्म और साउथ की फिल्म में बहुत अंतर है, भोजपुरी फिल्म का बजट कम होता है, साउथ की फिल्मों का दायरा काफी बड़ा है, यहां की फिल्में देश के साथ-साथ विदेशों में भी रिलीज होती है। साउथ की फिल्मों में बहुत ही ज्यादा अनुशासन है, चुकी मेरी शुरुआत भोजपुरी फिल्मों से हुई है, इसलिए मुझे दोनों जगह काम करना अच्छा लगता है ,दोनों का अपना अपना एक अलग मजा है। बिहार के कुछ कलाकार जैसे अभिमन्यु सिंह, विनीत कुमार ,नीतू चंद्रा, साउथ की फिल्मों में अपना जलवा बिखेर रहे। उन्होंने बताया कि साउथ में मुख्यतः रूप से 4 भाषाएं बोली जाती है, तमिल तेलुगू मलयालम कन्नड़ और जो भी साउथ में फिल्में बनती है, इन चारों भाषाओं में रिलीज की जाती है और साथ में हिंदी में भी रिलीज की जाती है। उन्होंने युवाओं का भी मार्गदर्शन किया उन्होंने कहा जो भी युवा फिल्मों में जुड़ना चाहते हैं, वह इमानदारी से अनुशासन के साथ मेहनत करें, अपने आप को काबिल बनाए फिल्म में काम करने के लिए अपने अपने आप को पूरी तरह से तैयार करना होगा। फेक लोगों से बचना होगा। इंसान को पहचानने की समझदारी को बढ़ाना होगा, अपनेआप को शोषित होने से बचाना होगा, सब्र रखना होगा क्योंकि इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा वक्त लगता है। अरे क्रम को आगे बढ़ाते हुए" डॉ पल्लवी विश्वास "के द्वारा यशोधरा नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया गया, उनके नृत्य भाव को देखकर जितनी भी तारीफ की जाए कम है ,जैसे शब्द ही कम पड़ गए हो उनकी तारीफ में, उनके नृत्य भाव शानदार, जानदार ,अद्भुत, भावपूर्ण ,मनभावन, प्रस्तुति उनके नृत्य के इस भावुक दृश्य को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। कोरोना की महामारी ने जहां एक ओर सभी लोग घर में बैठने को विवश हो गए हैं ,अपनी जिंदगी से निराश हो गए हैं ,जीवन में कहीं ना कहीं नकारात्मकता ने घर कर लिया है, किंतु जीवन में नकारात्मकता को छोड़कर सकारात्मकता की तरफ बढ़ना जरूरी है, इसके लिए नृत्य भजन संगीत बहुत ही बड़ा माध्यम है। ऐसे में बिहार प्रदेश कला संस्कृति प्रकोष्ठ की वर्चुअल श्रावणी महोत्सव की यह एक अनूठी पहल है।इस महोत्सव में प्रतिदिन फेसबुक लाइव के माध्यम से भोजपुरी एवं लोक गायकी के महारथी अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। महामारी के इस माहौल में इस महोत्सव में चिंता में भी सुकून देने का कार्य किया है और कार्यक्रम के अंत मे संयोजक बरुन कुमार सिंह जी ने इसको वर्चुअल तरीके से देश विदेश तक पहुँचाने के लिए अपनी वर्चुअल इवेंट टीम का धन्यवाद ज्ञापन किया जिसमें मोहित रंजन और बरुन राज सिंह जी शामिल हैं कला एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा मासिक श्रावणी महोत्सव के हर दिन का एक अलग ही रंग है, अलग ही अनुभव है, अलग ही आनंद है। इस कार्यक्रम में कभी लोकगीत संगीत ,भजन, गजल, सूफी संगीत, तो कभी देशभक्ति, गीतों से कार्यक्रम सराबोर और रहता है, आज के नृत्य नाटिका में कार्यक्रम में एक और खूबसूरत रंग भर दिया है। कार्यक्रम में वरुण कुमार सिंह (प्रदेश संयोजक) आनंद पाठक (सहसंयोजक) वरुण सिंह, डॉ पल्लवी विश्वास, मुकेश सहाय, सचिन मधोगारिया, डॉ विश्वनाथ प्रताप सिंह , उर्फ़शिवजी सिंह, सतीश दास, वरुण राज, शशि सिन्हा, विकी जोशी, आशीष गौरव, अनिमेष रंजन, सहित टीम के सभी मेंबर्स मौजूद रहे। अंत में वरुण कुमार सिंह प्रदेश संयोजक ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कलाकार है तो हम हैं हम सभी हर कलाकार के साथ खड़े हैं अगर किसी भी कलाकार को जरूरत हो तो बिहार कला संस्कृति हमेशा हर कदम पर उनके साथ खड़ा है उन्होंने अपना कीमती समय निकालकर इस कार्यक्रम में वक्त दिया इसके लिए सहृदय धन्यवाद और साथ में अपनी टीम को धन्यवाद किया और बधाई भी दी है। उन्होंने इसको रोना काल में घर पर रहने की सलाह दी मास्क लगाना और हमेशा हाथों को धोते रहने की सलाह दी लोकल फॉर वोकल की आवाज उठाई। साथ ही उन्होंने कहा अपनी मिट्टी और अपनी बोली से प्यार करें । अपने कलाकार को हम पहले मजबूत करें हमेशा उनका साथ दें। लगातार कार्यक्रम की सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है ,रोजाना बहुत से दर्शक जुड़ते जा रहे हैं ,देश और विदेशों में इस वर्चुअल प्रोग्राम को पसंद किया जा रहा है, कार्यक्रम की लगातार बढ़ती सफलता दर्शकों का भरपूर सहयोग और प्यार के कारण संभव हो पाया है।

 

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