उनसे अपने जूते खुलवाता हूँ -वरुण गाँधी
सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश ) ; मौसम धीरे धीरे करवट बदल रहा है लहर चल रही है पारा दिन प्रतिदिन ऊपर की ओर बढ़ता जा रह है लोकसभा चुनाव है और इसको लेकर भी माहौल गर्म है. इस चुनावी सरगर्मियों के बीच नेताओं के बयान आए दिन सुर्खियां बटोर रहे हैं. आज़म, योगी ,सिद्धू के बाद अब उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से बीजेपी उम्मीदवार वरुण गांधी का एक बयान काफी सुर्खियां बटोर रहा है.
दरअसल, उन्होंने सुल्तानपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए महागठबंधन और कांग्रेस पर जमकर जुबानी हमला किया. सुल्तानपुर में गठबंधन के उम्मीदवार चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू पर बिना नाम लिए हमला करते हुए कहा कि "एक इंसान बिना स्वाभिमान के केवल एक लाश होता है. मैं एक ही चीज आपको कहना चाहता हूं, किसी से डरने की जरुरत नहीं है. केवल एक से डरा जाता है और वो भगवान है. अपने पाप और गुनाहों से लोगों को डरना चाहिए, किसी मोनू-टोनू से डरने की जरूरत नहीं है. मैं खड़ा हूं यहां पर. मैं संजय गांधी का लड़का हूं, मैं इन लोगों से अपने जूते खुलवाता हूं."
दरसल वरुण गाँधी सुल्तानपुर अपनी माँ के लिए प्रचार करने गए थे . गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी की सीटें बदल दी थीं. वरुण गांधी अब पीलीभीत से और मेनका गांधी सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं. बता दें कि मेनका गांधी पिछले दो दशकों में चुनाव नहीं हारी हैं. साल 2014 में उन्होंने अपने गढ़ पीलीभीत से जीत हासिल की थी. वहीं, वरुण गांधी ने सुल्तानपुर से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी.
जिनके घर खुद शीशे के हों वो दुसरे के घर पत्थर नही फेंका करते .
चुनाव का दौर है ऐसी बयानबाजी चलती रहेगी जनता इसका पूरा आनंद ले रही है पर क्या किसी पर व्यक्तिगत टिपण्णी कर उसके ह्रदय को आघात पहुंचाकर चुनावी रैली में बेईज्ज़त करना हमारी परंपरा और संस्कृति को शोभा देता है?. भारतीय सभ्यता और संस्कृति की दुहाई देने वालेे माननीय प्रधानमंत्री जी से आग्रह है कि जिस संस्कृति की बात आप अपने भाषणों में करते है उसके पाठ आप अपने अन्य नेताओं के साथ भी साझा करें. वरना जनता तो सब जानती है .इस पर एक कहावत काफी सटीक बैठती है की जिनके घर खुद शीशे के हों वो दुसरे के घर पत्थर नही फेंका करते .
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