हमने काम किया प्रचार नहीं-मनमोहन सिंह 

Amit Raj  Thursday 2nd of May 2019 11:53 PM
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चुनाव अपने चरम पर है रैली, दौरे और साक्षात्कार के माध्यम से नेता अपनी बात जनता के सामने रख रहे है । इसी बीच उनका भी इंटरव्यू सामने आया जिसपर मोदी सरकार कठपुतली तक जैसे शब्द का प्रयोग कर चुकी है । जी हम बात कर रहे है हिंदुस्तान टाइम्स को दिए हुए मनमोहन सिंह के इंटरव्यू की जिसमें ने बड़े ही कड़क शब्दों में शालीनता के साथ मोदी के राष्ट्रवाद मुद्दे पर जवाब दिया ।काफी कम बोलने के लिए परिचित यू पी ए सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से क्या सवालात किये गए और क्या जवाब दिया उन्होंने ये देखें

#सवाल: लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी मोदी को सबसे मजबूत प्रधानमंत्री के तौर पर पेश कर रही है, ऐसा प्रधानमंत्री जिन्होंने पुलवामा अटैक जैसे आतंकी हमले को मुंहतोड़ जवाब दिया. इसे आप किस तरह से देखते हैं?

जवाब: राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करना अस्वीकार्य है. सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलवामा में आतंकी हमला हुआ, उसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. ये गंभीर खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर विफलता है. खतरों को देखते हुए ये बात भी सामने आई थी कि सुरक्षाबलों को एयरलिफ्ट करने की रिक्वेस्ट की गई थी. लेकिन केंद्र सरकार ने इससे इनकार कर दिया.

सरकार ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से मिली आईईडी हमले को लेकर खुफिया सूचनाओं को भी नज़रअंदाज कर दिया. आतंकी संगठन का चेतावनी वाले वीडियो चेतावनी पर भी सरकार की आंखें नहीं खुली. पिछले पांच सालों में आतंकियों ने पंपोर, उरी, पठानकोट, गुरदासपुर, सुंजवान जैसे आर्मी कैंप पर निशाना बनाया. यहां तक कि अमरनाथ यात्रा पर भी हमला किया.

हमलों के बाद इनवेस्टिगेशन के लिए आईएआई को पठानकोट एयरबेस बुलाना सबसे बड़ी स्ट्रैटजिक भूल थी. इससे हमारे देश के सैनिकों का मनोबल गिरा. पिछले 5 सालों में बीजेपी और पीडीपी की अवसरवादी सरकार की वजह से जम्मू कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति बहुत तेज़ी से बिगड़ी है.

आपको बता दूं कि हमारी सेनाओं को हमेशा से हर खतरे का जवाब देने की खुली छूट रही है. हमारी सरकार के वक्त भी कई सर्जिकल स्ट्राइक हुईं. लेकिन हमने ऐसा इस्तेमाल कभी नहीं किया. पिछले 70 सालों में जो भी सरकार सत्ता में आई उन्हें कभी भी आर्मी के पीछे छिपना नहीं पड़ा. हमारी आर्मी का ऐसा राजनीतिकरण बहुत ही शर्मनाक है. ऐसा नहीं होना चाहिए. ये सब सिर्फ सरकार की तमाम विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है.


#सवाल: पीएम मोदी के सपोर्टर आपकी सरकार पर ये कहकर निशाना साधते हैं कि 26/11 हमले के बाद आपकी सरकार ने मजबूत जवाब नहीं दिया, जैसा देना चाहिए था. आपको क्या लगता है?

जवाब: तथ्य जब नहीं होते हैं तो हर कोई अपने हिसाब से बातें करता है. मैं इससे सहमत नहीं हूं कि हम किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार नहीं थे. हालांकि अलग-अलग राजनीतिक परिस्थितियों के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाओं की ज़रूरत होती है. हमारी प्रतिक्रिया पाकिस्तान को एक आतंकी देश के रूप में अलग-थलग करने की थी. कूटनीतिक रूप से बेनकाब करने की थी. साथ ही आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दबाव बनवाने की थी. जिसमें हम सफल भी हुए. मुंबई हमले के 14 दिनों के भीतर हमने हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमलों में शामिल लश्कर के बड़े आतंकियों को भी आतंकवादियों की प्रतिबंध सूची में डाल दिया. जिसने लश्कर को निष्प्रभावी बना दिया.

26/11 हमले के बाद यूपीए सरकार ने तटों की सुरक्षा को और मजबूत किया. नेशनल काउंटर टेररिज़्म सेंटर (NCTC) का आइडिया रखा. लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आइडिया का विरोध किया. हमने नैटग्रिड लाने की भी सोची. जो एक इंटिग्रेटेड इंटेलिजेंस ग्रिड है, जो भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के डाटाबेस को जोड़ने के लिए होता. लेकिन मोदी सरकार ने एनसीटीसी और नैटग्रिड दोनों को ठंडे बस्ते में डाल दिया.


#सवाल: आप परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर जहाँ चुप रहें. वहीं पीएम मोदी ने कहा कि ये केवल दीवाली के लिए नहीं रखे हैं. आपको ये बयान जनता से ज्यादा जुड़ा हुआ लगता है?

जवाब: हमारी परमाणु क्षमता हमारी ताकत है. पंडित नेहरू ने हमारी परमाणु क्षमताओं की नींव रखी. इंदिरा गांधी ने 1974 में पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया था. तब से हर कांग्रेस सरकार ने हमारे नागरिक और सैन्य परमाणु कार्यक्रम को मजबूत करने और इसे आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है. इसी के नतीजे के रूप में, हमारी हथियारों की क्षमता का परीक्षण 13 महीने की वाजपेयी सरकार ने 1998 में भी किया. परमाणु शक्ति और परमाणु शक्ति का शांतिपूर्ण इस्तेमाल हमारे राष्ट्र की जिम्मेदार नीतियां हैं.

आपको याद होगा कि देश के परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने के लिए हमने यूपीए की कांग्रेस सरकार के अस्तित्व को दांव पर लगा दिया था. हमने कभी भी इस मुद्दे का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया.

#सवाल: क्या आप इससे एग्री करेंगे कि बीजेपी नौकरी और गांवों की समस्या से ध्यान हटाकर, सुरक्षा और आतंक को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने में कामयाब हो गई है?

जवाब: खाली बयानबाजी पर सवार होकर, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी सरकार पूरी तरह से फेल रही है. पिछले पांच सालों में सिर्फ जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले 176% की बढ़ोतरी हुई है. सीज़फायर वॉयलेशन में 1000% की बढ़ोतरी हुई है. भारत के सिक्योरिटी इंस्टॉलेशन पर 17 बड़े हमले हुए. डिफेंस बजट पिछले 57 सालों में सबसे कम रहा. क्या ये सारी चीजें मोदी सरकार के परफॉर्मेंस और प्रायोरिटीज़ को नहीं दर्शाता है?

सच्चाई यह है कि मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन नोटबंदी और गड़बड़ीयों से भरे जीएसटी ने चार करोड़ से अधिक नौकरियां छीन ली. NSSO के रिपोर्ट के मुताबिक बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी के साथ पिछले 45 साल में सबसे पीक लेवल पर है. जबकि 2011-12 में यूपीए के दौरान ये सिर्फ 2.2 फीसदी थी.


#सवाल: कांग्रेस न्याय योजना लेकर आई है. एक अर्थशास्त्री के तौर पर आपको नहीं लगता कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा?

जवाब: न्याय मतलब न्यूनतम आय योजना. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शानदार दिमाग लगाया है. इसके दो फायदे होंगे. गरीबी दूर होगी साथ ही साथ देश में आर्थिक गतिविधियां तेज हो सकेंगी. न्याय योजना से देश की 20 फीसदी गरीब परिवार को सालाना 72 हजार रुपये की इनकम का सपोर्ट मिलेगा. ये योजना जीडीपी के 1.2 से लेकर 1.5 फीसदी तक असर करेगी. हमारी 3 ट्रिलियन डॉलर की विशाल अर्थव्यवस्था इसे स्वीकार कर लेगी.

#सवाल: अमृतसर से चुनाव लड़ने को लेकर आपके नाम की चर्चा हुई. पर अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं तो क्या आप उनकी कैबिनेट में काम करेंगे?

जवाब: मैं 6 दशक से देश की सेवा करता आया हूं. मुझे प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा करने का मौका मिला. मैं सार्वजनिक जीवन में हूं और हमेशा सेवा करने के लिए तैयार हूं. मुझे राहुल गांधी के नेतृत्व में और देश के लिए उनके कमिटमेंट पर पूरा भरोसा है.


#सवाल: प्रियंका गांधी के पॉलिटिक्स में आने से कांग्रेस में किस तरह अंतर आएगा?

जवाब: प्रियंका गांधी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ नेचुरली कनेक्ट कर पाती है. उनकी मूलभूत मुद्दों को लेकर समझ अच्छी है. उनकी शालीनता उनका सबसे बड़ा गुण है. मुझे पूरा विश्वास है कि वे कांग्रेस पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी.

 

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