ओडिसा और बंगाल के चौथे फेज में कुछ तो लोचा है.... 

Amit Raj  Thursday 2nd of May 2019 05:11 PM
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ओडिशा और बंगाल के मतदान के आंकड़ों में आया रातों-रात उछाल किसी बड़े घपले का हिस्सा तो नहीं?


क्या खुद चुनाव आयोग मतदान के आंकड़ों में हेराफेरी कर इस 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ा घोटाला करने जा रहा है? इसकी आशंका फोन पर मित्र अपूर्व भारद्वाज ने आज दोपहर में जाहिर की तो मैं भी एकबारगी चौंक गया। अपूर्व डेटा एनिलिसिस के पुराने खिलाड़ी रह चुके हैं इसलिए उनकी बात वजन रखती है। उन्होंने बताया कि इस बार चुनाव आयोग ने एक एप बनाई है जिसका नाम है 'वोटर टर्नआउट एप' इस ऐप के माध्यम से मतदान के दौरान रियल टाइम में यह जाना जा सकता है कि वोटरों की संख्या कितनी रही। किस चरण में कहां और कितने प्रतिशत मतदान हुआ। इस एप के माध्यम से ही उन्हें यह पता लगा कि चुनाव आयोग द्वारा कल शाम को रिलीज किये गए मतदान के आंकड़ों और आज दोपहर को जारी आंकड़ों में बहुत परिवर्तन आ गया है जिससे यह महसूस हो रहा है कि वाकई 'कुछ बड़ा होने वाला है।'

इसे जब मेरे द्वारा क्रॉस चेक किया गया तो यह बात बिल्कुल सच पाई गई। खुद चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों से यह बात सही सिद्ध हो रही है।

29 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में नौ राज्यों की 72 लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए और रात 9:39 तक 63.16 फ़ीसदी मतदान दर्ज किया गया। नीचे इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट से लिया गया स्क्रीन शॉट संलग्न है। इसके अनुसार कल निम्न प्रदेशों बिहार, जम्मू-कश्मीर, एमपी, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में क्रमश: 58.02 फीसदी, 9.79, 69.39, 55.86, 64.24, 67.91, 58.84, 76.72 और 64.38 फीसदी मतदान देखा गया।

बिहार 58.02%

जम्मू कश्मीर 9.79%

मध्यप्रदेश 69.39%

महाराष्ट्र 55.86%

ओडिशा 64.24%

राजस्थान 67.91%

उत्तर प्रदेश 58.84%

पश्चिम बंगाल 76.72%

झारखंड 64.38%

चुनाव आयोग का ग्राफ।

लेकिन जब आज यह इलेक्शन कमीशन की वोटर टर्नआउट एप' पर डेटा अपडेट हुआ तो सिर्फ 2 राज्यों में तस्वीरें पूरी तरह से बदल चुकी थीं। ये 2 राज्य हैं ओडिशा ओर पश्चिम बंगाल।

इन दोनों राज्यों में मतदान का प्रतिशत अचानक लगभग 7 से 8 प्रतिशत बढ़ गया। अब ओडिशा में यह 64.24%से बढ़कर सीधे 72.89% हो गया और पश्चिम बंगाल में 76.72% से सीधा बढ़कर 82.77% हो गया।

बाकी राज्यों में भी थोड़ी घट बढ़ हुई है जैसे महाराष्ट्र में 55.86% से 56.61% हुआ है, राजस्थान में 67.91% से 68.16% हुआ है लेकिन इन दो राज्यों में जहां बीजेपी की स्थिति सबसे कमजोर है और सारी ताकत उसने इन्हीं 2 राज्यों पर लगा रखी है उन्हीं 2 राज्यों के मतदान के आंकड़ों में इतना बड़ा मेजर चेंज कैसे आ गया यह बात हैरान कर देती है।

चुनाव के आंकड़े।

डाटा एनिलिसिस को बहुत नजदीक से समझने वाले मित्र अपूर्व इस बारे में विस्तार से बतलाते हैं। उनका कहना है कि 'डाटा विश्लेषण में डाटा क्लीनिंग एक टर्म होता है। सब विश्लेषक जानते हैं डाटा में त्रुटि होती है को-रिलेशन मैट्रिक्स और स्टैंडर्ड डेविएशन की थ्योरी को जानने वाले इसकी महत्ता को जानते हैं। चुनावों में प्रतिशत त्रुटि की स्वीकार्यता उसके सटीकपन पर निर्भर करती है।

कुछ मामलों में, यह इतना मुश्किल हो सकता है कि 3% त्रुटि या इससे अधिक स्वीकार्य नहीं हो सकती है। कुछ मामलों में, 1% त्रुटि बहुत अधिक हो सकती है। अधिकांश डाटा विश्लेषक 3% त्रुटि स्वीकार करेंगे। लेकिन यह केवल एक दिशानिर्देश है। विश्लेषण के उच्च स्तर पर, आमतौर पर उच्च सटीकता की आशा करते हैं। आपको मैं यूपी 2014 लोकसभा का उदाहरण देता हूं। 

चुनाव के नये आंकड़े।

वहां त्रिकोणीय संघर्ष था और केवल 42% वोट पाकर बीजेपी ने 73 से ज्यादा सीट प्राप्त कर लिया था। अगर इस हिसाब से देखें तो ओडिशा और बंगाल में त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय संघर्ष है अगर वहां 6-8 प्रतिशत वोट बीजेपी के प्रति स्विंग होता है तो परिणाम बिलकुल चौंका सकते हैं। मेरे लिए अब ओडिशा और बंगाल के चुनाव और अधिक दिलचस्प हो गए हैं। शायद इस चुनाव की असली कहानी वहीं लिखी जा रही है।'

नोट:

(यह गिरीश मालवीय का स्वतंत्र टिप्पणी हैं और आजकल इंदौर में रहते हैं।)

सुनो नेता इसका आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है .

 

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