ये "महान" गठबंधन है ..
2019 का लोकसभा चुनाव अजीबोगरीब चुनाव होने जा रहा है खासकर बिहार का. बिहार में कुल 40 लोकसभा सीट है जिसमें महागठबंधन 41 सीट पर अपने उम्मीदवार खड़ा किये हुए है. आप सोच रहे होंगे की ये कैसे हो सकता है पर ऐसा है तभी तो मैं कह रहा की ये अजीबोगरीब चुनाव होने जा रहा है. दरसल,पांचवें चरण में मधुबनी सीट पर वीआइपी पार्टी के प्रत्याशी बद्री पूर्वे के खिलाफ कांग्रेस के बागी शकील अहमद ने ताल ठोका तो उसका बदला लेने के लिए वीआइपी पार्टी ने पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ रीता देवी को मैदान में उतार दिया है.गौरतलब है की कांग्रेस और वीआइपी पार्टी दोनों ही महागठबंधन का अंग है .
कांग्रेस की मुश्किलें बिहार में और बढती जा रही है. पहले तो शकील अहमद को कांग्रेस से निकालकर इस मामले को शांत करने का भरसक प्रयास किया था परन्तु ये वीआइपी पार्टी को चुनावी लौलीोपौप लगा और कांग्रेस को सदमें में दाल दिया .
महागठबंधन अब बिहार में भी यूपी की तरह टूटता दिखाई पर रहा है . ये गठबंधन अपने शुरूआती दौर से ही समस्याओं को झेलते आ रहा है . एक समस्या का निबटारा होते के साथ ही दूसरा सुर्खियाँ बटोरना शुरू कर देता है .खैर अब क्या गुल खिलता है ये तो आने वाला वक़्त ही बतायेगा पर जो भी हो जनता इसपर खूब चुटकी ले रही है कोई इसको कांग्रेस द्वारा वीआइपी पार्टी की अनदेखी के कारण उठाया गया कदम बोल रही तो कोई वीआइपी पार्टी को इसका जिम्मेवार ठहरा रही है. इनदोनो की लडाई में कहीं राजद को परेशानी ना झेलना पड़े .
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