"बर्खास्त तेज़" फिर से बर्खास्त ....
वाराणसी से सपा-बसपा गठबंधन से उम्मीदवारी का परचा भरने वाले बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज़ बहादुर का परचा निरस्त कर दिया गया दरअसल, वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे जवान तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी पर उस समय संशय के बादल मंडराने लगे थे जब, उन्होंने अपने हलफनामे में दो अलग-अलग जानकारी दी थी. नामांकन के दौरान एक हलफनामा तेज बहादुर ने निर्दलीय के रूप में भरा था, जबकि दूसरा उसने सपा उम्मीदवार के रूप में दाखिल किया था .
तेज बहादुर ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश की थी,जिसमें दिए हलफनामे में सेना से बर्खास्तगी की बात कही थी, लेकिन समाजवादी पार्टी की तरफ से जब उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया तो इस तथ्य को छुपा लिया. नामांकन पत्र जांच के रिटर्निंग अफसर को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा था और मंगलवार शाम ६ बजे तक अपना पक्ष रखने को कहा पर पक्ष मजबूत ना होने के कारण उनका नामांकन रद्द कर दिया गया .
सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे अपनी बात
नामांकन रद्द होने पर तेज बहादुर यादव ने कहा कि "चुनाव आयोग से मैंने कहा था कि मैं अंबानी नहीं हूं कि इतने कम समय में सूचना लाऊं ,कल शाम 6.15 बजे चुनाव आयोग ने साक्ष्य देने को कहा था. हमने साक्ष्य तैयार कर लिए फिर भी मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया. मैं चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाउंगा."
उधर समाजवादी पार्टी पहले से ही शालिनी यादव को टिकट देकर नामांकन भी करवा चुकी है तो अब इस सियासी ड्रामे पर विराम लगता नज़र आ रहा है .
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