सॉफ्टवेयर ने ली 21 बच्चों की जान .... 

Amit Raj  Wednesday 1st of May 2019 08:52 AM
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आज जहां दुनिया नई नई तकनीकों को अपनाकर ज़िन्दगी को सरल और सहज बना रहा है तो वहीं दूसरी ओर यह मौत का सौदागर बनकर उभरा है ।
तेलंगाना राज्य में इस साल इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल होने वाले 9.74 लाख छात्रों में से 3.28 लाख छात्र फेल कर दिया गया कारण दोषपूर्ण मूल्यांकन प्रणाली और सॉफ्टवेयर में खराबी थी।जिसके बाद तकरीबन 21 छात्रों ने आत्महत्या कर ली ।


पिछले चार सालों में रिजल्ट जारी होने के बाद आत्महत्या करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है.2018 में 12वीं का रिजल्ट जारी होने के बाद 6 छात्रों ने आत्महत्या की थी. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मामले की जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है कमेटी ने राज्य शिक्षा सचिव बी जनार्दन रेड्डी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.


रिजल्ट जारी करने वाली कंपनी "ग्लोबलरिना टेक्निकल प्राइवेट लिमिटेड" ने अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहा है "कि मैं इस बात से सहमत हूं कि कहीं न कहीं कपंनी की भी गलती है. सॉफ्टवेयर में खामी की वजह से गलत रिजल्ट अपलोड हुआ. मेरे पिता होने के नाते मैं बच्चों को खोने वाले माता-पिता का दर्द समझ सकता हूं."

इस बाबत राज्य सरकार तुरंत कार्यवाही करते हुए तेलंगाना बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन (टीएसबीआईई) ने रविवार को एक शिक्षक को भी  निलंबित कर दिया है और एक अन्य शिक्षक पर जुर्माना लगाया है क्योंकि शिक्षक ने एक छात्र को परीक्षा में 99 के बजाय शून्य दिया था। सरकार ने फैल हुए सभी छात्रों की उत्तरपुस्तिका को पुनः मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है ।

इसमें कोई शक नहीं कि सरकार और मूल्यांकन करने वाली कंपनी अपनी तरफ से इस गलती को सुधारने का पूर्ण प्रयास करेगी और इसमें सुधार किया जाएगा लेकिन इनकी इस चूक ने कई बच्चों की जान ले ली है जिसकी भरपाई संभव नहीं है।

 

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