मेरा मुद्दा विकास है - राम कृपाल यादव 

MANISH TIWARY  Wednesday 24th of April 2019 05:28 PM
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कल २३ अप्रैल को सुनो नेता की टीम से बात करते हुए पाटलीपुत्रा संसदीय क्षेत्र से सांसद तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, 61 वर्षीय श्री राम कृपाल यादव जी ने बताया की उनका मुद्दा सिर्फ और सिर्फ विकास है, विकास के मुद्दे पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया,उन्होंने बहुत सारे विकास के काम किए हैं अपने संसदीय क्षेत्र के लिए जैसे 2500 गांवो में बिजली पहुंचाया, गैस कनेक्शन बंटवाये, घर घर पानी पहुंचवाया, गलियों का निर्माण करवाया, गांवो को सड़को से जोड़ा,बहुत से हाल्ट स्टेशनों पे सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव के साथ साथ रेलवे लाइनो का विस्तार करवाया बिहटा से औरंगाबाद, पुलों का कार्य निर्माधीन है, हवाई अड्डा लाया ऐसे और अनेको काम करवाये।

 मीसा भारती से उनकी तुलना की बात पूछे जाने पे उन्होंने बताया की मीसा भारती उनसे कोशो दूर है, और उनकी तुलना मीसा से कही भी नहीं है। 

RJD के साथ बिताये गए 17 सालो के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया की RJD भटक गयी है पहले सामाजिक न्याय के बारे में सोचती थी लकिन अब सिर्फ पारिवारिक न्याय होता है, आगे बोलते हुए उन्होंने बताया की RJD में लोकतंत्र खत्म हो गया है अब सिर्फ राजतंत्र  के साथ साथ परिवारवाद कायम है।  

आपको  बता दे राम कृपाल यादव जी की राजनितिक सफर बहुत मुश्किलो से भरा रहा है उन्होंने अपनी शुरुआत जमीनी स्तर से की उनकी यात्रा वार्ड  से लेके राज्यसभा  से लोकसभा  तक की रही है, उनके प्रसंशको की माने तो रामकृपाल जी बहुत ही कर्मठ तथा सबके बारे में सोचने वाले नेता है। 

अपने पिता किशोरी प्रसाद के निधन के बाद राम कृपाल यादव का बचपन मुश्किलों से भरा था। उन्होंने  मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा के साथ साथ एलएलबी की पढाई की । राम कृपाल यादव की शादी 1983 में किरण देवी से हुई थी। उनके दो बेटे और एक बेटी है। राम कृपाल 1985 में पटना के डेप्टी मेयर बने ,1992 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बने, 1993 में लोकसभा का उपचुनाव जीता और फिर 1997,2004 और 2014 में जीते। 2009 के चुनाव में उन्होंने लालूजी केलिए अपनी सीट छोरी थी, 2009 में लालू यादव जी को रंजन यादव ने JD(U) की टिकट पे पाटलिपुत्र सीट से हरा दिया था। 

जब RJD में उनके सहयोगियों ने लालू जी को छोड़ दिया और उनमे से कुछ बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री भी बन गए, तब भी राम कृपाल लालू जी के साथ वफादार रहे। लकिन बाद में 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले,पाटलिपुत्र से आरजेडी द्वारा टिकट से वंचित किए जाने के बाद,अपने "गुरु" लालू जी से अलग होके  BJP का दामन थामा और अपने RJD छोड़ने का कारण बताते हुए कहा था कि वह अपमानजनक व्यवहार के कारण पार्टी से बाहर निकल रहे  है।

 

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