नितिन गडकरी ने NDTV से कहा- सरकार की किसानों से सहानुभूति, संवाद से ही समाधान होगा
किसानों (Farmers) का शोषण न हो और उनकी उपज को सही दाम मिले, यही उद्देश्य है. आप फार्मेसी की दुकान में जाते हैं तो दवा पर जो दाम लिखा होता है, वही देना पड़ता है. आप रेस्टोरेंट में जाकर चाय लेते हैं तो उसका भाव रेस्टोरेंट वाला तय करता है. हवाई जहाज से जाएं तो उसके टिकट का रेट हवाई जहाज की कंपनी तय करती है. रेलवे के टिकट का भाव रेलवे तय करती है. लेकिन किसान की जो उपज है उसका भाव किसान तय नहीं करता. यह अपवाद है और किसान के साथ अन्याय है. किसान मंडी में अनाज लेकर जाता है तो उसका भाव बिचौलिए और व्यापारी तय करते हैं. क्या यह उचित है? हमने यही निर्णय किया है कि किसान को कहीं भी माल बेचने का अधिकार हो, ज्यादा से ज्यादा कीमत मिलेगी. आज भी पंजाब-हरियाणा में जिसको मंडी में बेचना हो तो मंडी में बेचे. जिसको किसी और को बेचना है तो जो सबसे ज्यादा भाव दे उसको बेचे. कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने NDTV से खास बातचीत में यह बात कही.
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