‘डर और उम्मीद’ की भाषा: किसानों पर लाठीचार्ज की घटना ने आम किसान के मन में यह भाव जगा दिया था कि सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं
हर पांच ब्लॉक के लिए जिला अध्यक्ष का पद बनाया, हर ब्लॉक में कई समितियां थीं, हर समिति में पांच सदस्य थे और हर समिति को 150 ग्रामीणों की जिम्मेदारी दी गई,पंजाबी युवाओं को दो चीजें आती हैं- खाना और नाचना, चाहे इसे उनकी कमजोरी कहें या फिर जीने का तरीका, आप उनके दिल से संगीत अलग नहीं कर सकते | सभी संगठन चाहे वो सरकार हो, कोई निजी व्यवसाय हो या छोटा व्यवसायी, सभी को अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्लानिंग की जरूरत होती है। इसलिए जब वे प्लानिंग करते हैं तो तय करते हैं कि क्या करना है, कैसे करना है और कब करना है। यही तरीका प्रदर्शन करने वाले संगठनों पर भी लागू होता है, यदि उन्हें बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन जारी रखना है। जैसा कि दिल्ली के नजदीक सिंघु बॉर्डर पर पिछले 15 दिनों से चल रहा है।
अपना कमेंट यहाँ डाले