पंजाब के किसानों के गांव से रिपोर्ट: दिल्ली गए किसानों के परिवारों की मदद के लिए गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट, टीमें उनके खेत भी संभाल रहीं
पंजाब के करीब 12,500 गांवों से कोई न कोई दिल्ली पहुंचा, कुछ परिवारों के एक से ज्यादा लोग गए,गांवों में टीमें और वॉट्सऐप ग्रुप बने, परिवारों की मदद और खेती-किसानी में तुरंत सहायता दी जा रही | जालंधर। पंजाब के बठिंडा जिले का गांव कराड़वाला। किसान मक्खन सिंह इसी गांव में परिवार व खेत में खड़ी आलू की फसल छोड़ दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं। उनकी फसल पर कीटों का हमला न हो इसलिए गांव के तीन व्यक्ति तुरंत मशीन लेकर कीटनाशक का छिड़काव करने खेत में पहुंच गए। दिल्ली के सिंघु व टिकरी बॉर्डर आंदोलन में डटे किसानों के घर व खेत की देखभाल का ऐसा 'मोर्चा' सिर्फ कराड़वाला में नहीं बल्कि पंजाब के साढ़े 12 हजार से ज्यादा गांवों में लगा है, जहां इसी तरह मदद आंदोलन में डटे किसानों की मदद की जा रही है। यही वजह है कि किसान महीनों से आंदोलन में डटे हैं और पूरा गांव एक परिवार बनकर उनके घर-परिवार से लेकर खेतों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इस काम में सबसे अहम भागीदारी युवा निभा रहे हैं।
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