#MeToo महत्वपूर्ण है लेकिन 10 वर्षों के बाद किसी को दोषी ठहराने का क्या मतलब: उदित राज
भाजपा सांसद उदित राज ने मंगलवार को कहा: “महिलाओं के लिए #MeToo अभियान सोशल मीडिया पर महत्वपूर्ण है लेकिन 10 वर्षों के बाद किसी को दोषी देने का क्या फायदा है?”
उदित राज ने सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य से पहली प्रतिक्रिया में #MeToo अभियान का समर्थन किया लेकिन यह भी बात रखी कि इससे आरोपों को कैसे सत्यापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा:
#MeToकैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगा?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है।गलत प्रथा की शुरुआत है।#MeToo
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
राज ने महिलाओं द्वारा किए गए बलात्कार के आरोपों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कहा: “यह कैसे संभव है कि कोई ‘लिव-इन रिलेशन’ में रहने वाली लड़की अपने पार्टनर पर 'रेप' का आरोप लगाकर उस व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करा दे, वह व्यक्ति जेल चला जाए? इस तरह की घटना आए दिन किसी ना किसी के साथ हो रहा है, तो क्या यह अब ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा है?”
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