'टू मच डेमोक्रेसी' में जनता कहां है 

Anugrah Srivastava  Saturday 12th of December 2020 10:18 PM
(0) (0)


 
जैसे आर्थिक नीतियों को देशवासियों के बजाय कॉरपोरेट के लिए उदार बनाने की प्रक्रिया को उदारवाद का नाम दिया गया और देश के संसाधनों की लूट की खुली छूट देने को विकास के लिए सुधार कहा जाता है, क्या वैसे ही अब सारी अलोकतांत्रिकताओं को लोकतंत्र कहा जाने लगेगा?

पूरी खबर: THEWIREHINDI.COM

 

अपना कमेंट यहाँ डाले