मंगलेश डबराल की डायरी: हम अपनी कविता के रसोईघर को ही कविता मान लेते हैं 

Anfal Dalal  Thursday 10th of December 2020 10:22 AM
(0) (0)


 
कविता में कभी अच्छा मनुष्य दिख जाता है या कभी अच्छे मनुष्य में कविता दिख जाती है। कभी-कभी एक के भीतर दोनों ही दिख जाते

पूरी खबर: AMARUJALA.COM

 

अपना कमेंट यहाँ डाले