CJI रंजन गोगोई ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को किया खारिज, बताया न्यायपालिका के खिलाफ बड़ी साजिश 

Shruti Dixit  Saturday 20th of April 2019 01:47 PM
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CJI रंजन गोगोई

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को एक अलग तरह के मामले की सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सुनवाई की। वहीं, जस्टिस गोगोई ने उन पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि, उन्होंने इस मामले की सुनवाई के लिए एक बैंच का गठन किया है और खुद को इससे अलग कर लिया है। इसके साथ ही उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को न्यायपालिका के खिलाफ साजिश करार देते हुए न्यायपालिका को खतरे में बताया।

सीजेआई गोगोई ने कहा कि यह अविश्वसनीय है। मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए। सीजेआई गोगोई ने कहा कि न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता। सीजेआई बोले, “न्यायाधीश के तौर पर 20 साल की निस्वार्थ सेवा के बाद मेरा बैंक बैलेंस 6.80 लाख रुपए है। कोई मुझे धन के मामले में नहीं पकड़ सकता है, लोग कुछ ढूंढना चाहते हैं। इसके पीछे कोई बड़ी ताकत होगी, वे सीजेआई के कार्यालय को निष्क्रिय करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 20 साल की सेवा के बाद यह सीजेआई को मिला इनाम है।”

दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन (SCBA) के प्रेजिडेंट और सीनियर ऐडवोकेट राकेश खन्ना ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया। खन्ना शनिवार को हुई असाधारण सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे। उन्होंने कहा, “हम केस का हिस्सा नहीं हैं... कोर्ट के सामने कोई मुकदमा नहीं है। मैं कोई इंटरव्यू (ताजा विवाद पर) नहीं देने जा रहा हूं। शुक्रिया।” SCBA के पूर्व प्रेजिडेंट और सीनियर ऐडवोकेट विकास सिंह ने आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर ये आरोप झूठे हैं तो ये “निश्चित तौर पर न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा है लेकिन अगर आरोप सही हैं तो यह भी बहुत गंभीर होगा।” 

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