पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल: ममता बनर्जी ने कहा सारी शर्ते मान ली गई, चिकित्सक तुरंत काम पर लौटे 

Team Suno Neta Saturday 15th of June 2019 07:25 PM
(19) (5)

ममता बनर्जी

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को हड़ताल पर गए डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि हम हड़ताली डॉक्टरों द्वारा की गई सभी मांगें मानते हैं। उन्होंने डॉक्टरों को तुरंत काम पर लौटने को कहा है। डॉक्टरों ने राज्य के निल रतन सिरकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों पर एक मरीज (जिसकी मौत हो गयी थी) के परिजनों द्वारा हमला किये जाने के बाद काम बंद कर दिया था।

जूनियर डॉक्टरों द्वारा की गई हड़ताल दिल्ली के एम्स सहित कई राज्यों के जूनियर डॉक्टरों के साथ, बंगाल और बाहर के अन्य हिस्सों में फैल गई थी।

कोलकाता सचिवालय में ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, “हमने डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं। मैंने कल और आज अपने मंत्रियों, चीफ सेक्रटरी को डॉक्टरों से मिलने के लिए भेजा था, उन्होंने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए 5 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे नहीं आए। आपको संवैधानिक संस्था को सम्मान देना होगा।”

यह बयान तब आया है जब हड़ताली डॉक्टरों ने राज्य सचिवालय में उनके साथ एक बंद दरवाजे की बैठक के निमंत्रण को ठुकरा दिया।  डॉक्टरों ने संकट को हल करने के लिए ममता को खुली चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का दौरा करने के लिए कहा।

ममता ने जोर देकर कहा, “हमने एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया। हम किसी तरह का बल प्रयोग नहीं करेंगे। स्वास्थ्य सेवाएं इस तरह जारी नहीं रह सकतीं। मैं कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने जा रही हूं।” उन्होंने कहा, “अतीत में भाजपा सरकारों ने आंदोलनकारी डॉक्टरों को धमकी देने के लिए आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम लागू किया था।  मैं लोकतंत्र में विश्वास करती हूं और इसलिए मैंने एस्मा लागू नहीं किया है।”

 बंगाल से उत्पन्न यह हड़ताल पूरे राष्ट्र में फैलने के बाद, शनिवार को केंद्र ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

केंद्र ने राज्यों को नोटिस भी जारी की है कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा से “डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा” हेतु कानून बनाने पर विचार करें। सभी राज्य मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ० हर्षवर्धन ने डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया।

 हर्षवर्धन ने अपने पत्र में लिखा है “देश के कई हिस्सों में रेजिडेंट डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाएं नहीं दे रहे हैं।  पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे आंदोलन पूरे देश में सरकारी और निजी क्षेत्र के डॉक्टरों द्वारा हड़ताल का रूप ले रहे हैं। जो भी व्यक्ति उनपर हमला करता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कानून ‘प्रवर्तन एजेंसियों’ द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए।”


 
 

रिलेटेड

 
 

अपना कमेंट यहाँ डाले