सरकार के साथ मतभेदों के बीच RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से दिया इस्तीफा 

Team Suno Neta Monday 10th of December 2018 08:18 PM
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उर्जित पटेल 

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच मतभेदों के चलते RBI के गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार को “व्यक्तिगत कारणों” का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह RBI के 24वें गवर्नर थे। उन्होंने 4 सितंबर, 2016 को पद संभाला था। उनका कार्यकाल अगस्त 2019 तक का था। भले ही उर्जित पटेल ने व्यक्तिगत कारणों हवाला देते हुए पद छोड़ा है लेकिन यह व्यापक रूप से ज्ञात है कि उनका और केंद्र सरकार के बीच चल रहे मदभेदों के कारण ही उन्हें अपना कार्यकाल पूरा करने से लगभग एक साल पहले छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है।

उन्होंने RBI के गवर्नर का पद रघुराम राजन के इस्तीफे के बाद संभाला था। उत्तराधिकारी थे। उनका कार्यकाल 1992 के बाद सबसे छोटा रहा है।

पटेल ने RBI द्वारा जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा, “व्यक्तिगत कारणों से की वजह से मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।”

5 दिसंबर 2018 को मौद्रिक नीति समीक्षा की मीटिंग में RBI ने तय किया कि अभी मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उर्जित पटेल ने कहा, “अगर मुद्रास्फीति (inflation) बढ़ने के जोखिम का हमारा अनुमान सही रहता है, तो कोई नीतिगत फैसला लिया जा सकता है।” पटेल के इस बयान को सही हालात में ब्याज दर घटाने के संकेत के तौर पर देखा गया।

गवर्नर के इस्तीफे के बाद उप गवर्नर विरल आचार्य ने अपने वक्तव्य में भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को सुरक्षित बताया।

RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने  उर्जित पटेल के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को उन परिस्थितियों की जांच करनी चाहिए जो मौजूदा स्थिति के लिए उत्तरदायी है।उन्होंने आगे कहा , “यह शायद RBI के इतिहास में दूसरा इस्तीफा है और  शायद पहला स्पष्ट इस्तीफा है, और इसलिए हमें उन परिस्थितियों को देखना होगा जो इसके लिए उत्तरदायी हैं। यह उर्जित पटेल का असंतोष भरा कदम है। सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए बहुत सावधान काम करना होगा  ताकि संस्थान की स्वायत्तता और विश्वसनीयता बनी रहे।”

RBI के भूतपूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने पटेल के इस्तीफे पर चिंता व्यक्त की और कहा, “यह दुखद है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के इस्तीफे से वित्तीय बाजार पर इसका असर पड़ेगा। हालांकि पटेल ने पद छोड़ने का कारण व्यक्तिगत बताया है। लेकिन फिर भी जाहिर है उनके इस्तीफे के पीछे कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं।”

10 दिसंबर 2018 को उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “डॉ. उर्जित पटेल पूरी तरह पेशेवर और ईमानदार हैं। वह गवर्नर और डेप्युटी गवर्नर के रूप में छह साल तक RBI के साथ रहे। उन्होंने महान विरासत छोड़ी है, हम उन्हें याद करेंगे।” वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, “गवर्नर और डेप्युटी गवर्नर के रूप में डॉक्टर उर्जित पटेल द्वारा देश की सेवा की सरकार प्रशंसा करती है। उनके साथ काम करना मेरे लिए खुशी की बात रही और उनकी विद्वता का लाभान्वित हुआ। मैं उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”

सुरजीत भल्ला ने भी EAC से दिया इस्तीफा

इसी बीच प्रधानमंत्री कार्यालय के आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) के अंशकालिक सदस्य सुरजीत भल्ला ने “अन्य कार्य प्रतिबद्धता” के कारण का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा ट्विटर पर की।

अर्थशास्त्र में PhD धारक भल्ला में न्यूयॉर्क स्थित सलाहकार समूह में वरिष्ठ विश्लेषक पद पर भी कार्यरत हैं।

(इस ख़बर को 11 दिसंबर 2018 में सुबह 10.30 को अपडेट किया गया हैं।)


 

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