संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की, जैश-ए-मोहम्मद का भी किया जिक्र 

Team Suno Neta Friday 22nd of February 2019 12:17 PM
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पुलवामा हमले में मारे गए सैनिकों के शवों का ताबूत

नई दिल्ली: पुलवामा हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि भारत द्वारा अपने सहयोगी देशों के माध्यम से प्रस्तावित विशिष्ट भाषा शामिल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को CRPF के काफिले पर हुए हमले की निंदा की। सुरक्षा परिषद ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे निंदनीय हमलों के लिए दोषियों को न्याय के कठघरे में लाकर कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इसे पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

संयुक्त राष्ट्र की सबसे ताकतवर संस्था UNSC ने अपने बयान में मसूद अजहर की अगुआई वाले आतंकी संगठन का नाम लिया है। UNSC में चीन ने भी हमले की निंदा की है। इससे पहले चीन मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने की भारत की कोशिशों का कई बार विरोध करते हुए वीटो पावर का इस्तेमाल कर चुका है। सुरक्षा परिषद ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमले के लिए जिम्मेदार तत्वों पर शिकंजा कसने में भारत सरकार का सक्रिय सहयोग करने की अपील की है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले पर UNSC के बयान में कहा गया है, “सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में हुए सूइसाइड बॉम्बिंग के जघन्य और कायराना कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें भारतीय पैरा मिलिटरी फोर्स के 40 जवानों की मौत हुई है और दर्जनों जख्मी हो गए। इस हमले की जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है।”

बयान में कहा गया है, “आतंकवाद के ऐसे निंदनीय कृत्य के लिए जिम्मेदार साजिशकर्ता, फाइनैंसर और स्पॉन्सर को न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता है। हम सभी देशों को उनकी अंतरराष्ट्रीय कानूनी बाध्यताओं और सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का अनुपालन करते हुए भारत सरकार और दूसरी सभी एजेंसियों के साथ सक्रिय सहयोग की अपील करते हैं।”

UNSC के सदस्य देशों ने इस हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ ही भारत की जनता और सरकार के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति जताई है। सुरक्षा परिषद ने घायल हुए जवानों के जल्द ठीक होने की कामना की है। प्रेस बयान में कहा गया है, “सुरक्षा परिषद के सदस्यों का मानना है कि किसी भी तरह का आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है।”

UNSC के सदस्यों ने एक बार फिर दोहराया कि कहीं भी, कभी भी और किसी के द्वारा आतंकवाद का किसी भी तरह का कृत्य आपराधिक और अन्यायपूर्ण है, भले ही इसके पीछे कुछ भी मंशा हो।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन सहित 15 राष्ट्र शामिल हैं। पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए जघन्य और कायरतापूर्ण आतंकी हमले की सभी ने कड़ी निंदा की है।


 

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