भारत रोहिंग्या मसले पर बांग्लादेश का समर्थन करें म्यांमार पर दबाव डालने के लिए: UN प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस 

Team Suno Neta Tuesday 2nd of October 2018 08:54 PM
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एंटोनियो गुटेरेस

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मंगलवार को कहा कि भारत को बांग्लादेश के समर्थन करने और रोहिंग्या संकट के लिए म्यांमार पर दबाव डालने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने रोहिंग्या के ऊपर म्यांमार के ज़ुल्म को “नरसंहार” कहा है। 

विभिन्न एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 40,000 रोहिंग्या शरणार्थी हैं जबकि बांग्लादेश 700,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को संभालने के लिए संघर्ष कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव “वैश्विक समाधान और वैश्विक चुनौतियां” पर सार्वजनिक व्याख्यान देने के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या शरणार्थियों पर एक प्रश्न के जवाब में कहा: “रोहिंग्या समुदाय के साथ जैसे भेदभाव हो रहा है मैंने और किसी समुदाय के साथ होते नहीं देखा है। बुद्धिस्ट मयंमार समाज में जातिवाद की गहरी जड़ें हैं। जिस तरह से रोहिंग्या के लोगों के साथ अतिवाद और सशस्त्र बलों द्वारा क्रूर व्यवहार किया जाता है वह स्वीकारने योग्य नहीं है। इस सबसे खराब मानवीय संकट को कम करने के लिए भारत को बांग्लादेश का समर्थन और म्यांमार पर दबाव की जरूरत है।” 

उन्होंने कहा, “क्या भारत कुछ कर सकता है? इन लोगों की मदद करके और बांग्लादेशी का समर्थन करते हुए क्योंकि बड़ी मानवीय समस्या है। अगली बात यह है कि म्यांमार पर दबाव डालना, लोगों के लिए सुलझाने और लोगों को अपनी भूमि पर आने के लिए बेहतर परिस्थितियां बनाना।”

उन्होंने आगे कहा कि रोहिंग्या जनसंख्या को "भेदभावपूर्ण स्थिति" में रखना "आतंकवादी समूहों के लिए एक खुला निमंत्रण" है जो ऐसी स्थिति का फायदा उठाने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रोहिंग्या के पास शिक्षा और स्वास्थ्य की बुनियादी पहुंच नहीं है और बर्मी समाज के भीतर नस्लवाद की उच्च भावना ह।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने भारत को उभरते बहु-ध्रुवीय दुनिया का एक "महत्वपूर्ण घटक" कहा और नई दिल्ली दुनिया में चल रहे कुछ संघर्षों के लिए “ईमानदार मध्यस्थ” के महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

गुटेरेस भारत की पहली यात्रा पर हैं और आतंकवाद की परिभाषा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद की परिभाषा के साथ समस्या यह है कि इसमें कई जटिलतायें शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद को परिभाषित करने में सक्षम नहीं है।

कार्यक्रम के दौरान आतंकवाद के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के रुख के बारे में एक सवाल पर गुटेरेस ने कहा कि संगठन ने आतंकवाद विरोधी विभाग सचिवालय के अंदर बनाया है और न केवल आतंकवाद विरोधी बल्कि अतिवाद हिंसा के रोकथाम के लिए एक कार्यक्रम की भी शुरुआत कि है। 

उन्होंने आगे कहा कि अब हमने 38 एजेंसियां सदस्य देशों से निपटने के लिए एक ताल मेल केंद्र बनाया है जो बहुत ही प्रभावी है और इसपर हम अधिक से अधिक एजेंडा डाल रहे हैं सुरक्षा परिषद।

 उन्होंने जलवायु परिवर्त पर भारत की बहुपक्षीय वास्तुकला में भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा है कि बहु-ध्रुवीय दुनिया का भारत एक बहुत आवश्यक अंश है। एक बहु-ध्रुवीय दुनिया बनाने के लिए संतुलन के कारकों को बनाना आवश्यक है और इसके लिए भारत से बेहतर स्थान कोई नहीं है क्योंकि इसका विमाप,  तकनीकी क्षमता और भू-सामरिक स्थान बाकि जगहों की तुलना में बेहतर है।


 

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