ब्रिटेन की अदालत ने विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का फैसला सुनाया  

Team Suno Neta Monday 10th of December 2018 07:38 PM
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विजय माल्या

नई दिल्ली: ब्रिटेन की एक अदालत ने सोमवार को भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या पर लगे आरोपों की समीक्षा करने के बाद भारत में प्रत्यर्पण का आदेश दिया है। अदालत माल्या को अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 14 दिन की अवधि भी दी गई है। अगर माल्या की तरफ से कोई अपील नहीं होती है तो उसे 28 दिनों के भीतर भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा।

विजय माल्या भारत में अलग-अलग बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेकर ब्रिटेन में रह रहा है। वह अपनी गिरफ्तारी के बाद जमानत पर हैं और जमानत की स्थिति में बना रहेगा।

फैसले को सुनाते हुए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स के मुख्य न्यायधीश एम्मा अर्बुथनोट ने अदालत में कहा है, “मुझे ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि प्रत्यर्पित करने के बाद माल्या की जान को खतरा हो सकता है। मै माल्या के मामले को गृह सचिव के पास  भेज रहा हूं कि वह उसके प्रत्यर्पण का आदेश दे।”

न्यायधीश एम्मा अर्बुथनोट ने भारतीय बैंको की नियमो को ना पालन करने की लापरवाही पर कहा, “बैंको को लोन देते समय सभी जरूरी कागजात और नियमो को अमल में लाना चाहिए था। यूँ ही किसी व्यक्ति को इतने बड़ी धनराशि उसके रहन सहन, उसकी चमक दमक को देखते हुए नहीं दिया जाना चाहिए था।”

उल्लेखनीय है कि माल्या अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताता रहा है। हालांकि माल्या ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने एक भी पैसे का कर्ज नहीं लिया। कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया था। ख़राब कारोबार की वजह से यह पैसा डूबा है। गारंटी देने का मतलब यह नहीं है कि मुझे धोखेबाज बताया जाए। मैंने मूल राशि का 100 प्रतिशत लौटने की पेशकश की है।”

माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला मजिस्ट्रेट की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुआ था।  

विजय माल्या ने फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, “मेरी लीगल टीम निर्णय की समीक्षा करेगी और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेगी। मैं अभी कुछ भी नहीं बोल सकता हूँ।”

ब्रिटेन की अदालत ने पुष्टि की है कि भारत ने आश्वस्त किया है कि जेल में माल्या को चिकित्सा आपूर्ति और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने ब्रिटेन की अदालत के फैसले को संतोष जनक बताया है। दयाल ने कहा, “हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं और जल्द ही  विजय माल्या को वापस लाने की उम्मीद करते हैं। CBI के पास इस मामले में पुख्ता सबूत थे। हमने इस पर कड़ी मेहनत की। हमें कानूनी तौर पर प्रत्यर्पण प्रक्रिया का सफल होने में पूरा विश्वास था।”

माल्या अब अपनी दलील को ब्रिटेन के गृह सचिव के समक्ष प्रस्तुत कर सकता हैं। यदि उसकी दलील वहाँ नहीं सुनी जाती हैं तो आगे वह ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। हालाँकि उसे प्रत्यर्पित होने में सालो या महीने भी लग सकते हैं।


 

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