सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर दो महिलाओं ने की भगवान अयप्पा की पूजा  

Team Suno Neta Wednesday 2nd of January 2019 02:54 PM
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बिंदु (बाएं) और कनकदुर्गा

नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तीन महीने  बाद दो महिलाओं ने मंदिर में बुधवार तड़के भगवान अयप्पा के दर्शन किए। इसके बाद मंदिर को शुद्धिकरण के लिए बंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने महिला श्रद्धालुओं को पूरी सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। मंदिर के 800 साल के इतिहास में पहली बार दो महिलाओं ने यहां प्रवेश कर भगवान अयप्पा की पूजा की है।

न्यूज़ एजेंसी के अनुसार महिलाओं के नाम बिंदु और कनकदुर्गा हैं। उनकी उम्र 40 से 50 साल के बीच बताई जा रही है। बिंदु और कनकदुर्गा मंदिर में पुलिसकर्मियों के साथ प्रवेश किया और सुबह के लगभग 3:45 पर भगवान अयप्पा की पूजा अर्चना की। कहा जा रहा है कि इन दोनों महिलाओं ने पहले भी पिछले महीने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी।

जब दोनों महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर रही थी तो उस समय के सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। फुटेज में देखा जा सकता है कि वे दौड़ती हुए मंदिर के अंदर जा रही हैं। दोनों महिलाएं उत्तरी केरल की रहने वाली हैं। उनके परिवारों को एहतियातन सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री विजयन ने दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने की घटना की पुष्टि की। विजयन ने कहा कि पहले ये महिलाएं प्रवेश नहीं कर पाई थीं लेकिन इस बार वे कामयाब रहीं। बिंदु ने बाद में मीडिया को बताया कि उसने मंगलवार को ही पुलिस से संपर्क किया था। इसके बाद उन्हें मदद का आश्वासन दिया गया। वहीं, कनकदुर्गा के भाई भरतन ने कहा कि उनकी बहन पिछले हफ्ते ही किसी काम का बहाना बताकर तिरुवनंतपुरम से निकली थी।

सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को मंदिर में हर उम्र की महिला को प्रवेश देने की इजाजत दी थी। इस फैसले के खिलाफ केरल के राजपरिवार और मंदिर के मुख्य पुजारियों समेत कई हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। हालांकि, अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया। इससे पहले यहां 10 से 50 साल उम्र की महिला के प्रवेश पर रोक थी। यह प्रथा 800 साल पुरानी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे राज्यभर में विरोध हुआ। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री विजयन ने प्रवेश करने वाली महिलओं की सुरक्षा की गारंटी दी थी। इससे पहले सामाजिक कार्यकर्त्ता तृप्ति देसाई ने मंदिर में प्रवेश करने के लिए सबरीमाला रवाना हुई थी लेकिन उन्हें एयरपोर्ट से विरोध के कारण बिना दर्शन किये वापस लौटना पड़ा था। पिछले तीन महीनों में मंदिर में प्रवेश को राजनितिक बयानबाज़ी भी होती रही है।  

मंगलवार को सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के विरोधियों के खिलाफ महिलाओं ने 620 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई थी। यह श्रृंखला कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक बनाई गई। यह 14 जिलों से होकर गुजरी। साथ ही इसमें करीब 150 से अधिक सामाजिक संगठन भी शामिल हुए।





 

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