ट्विटर ने कहा कि लोकसभा चुनाव की ‘अखंडता की रक्षा' के लिए बदलाव किया जाएगा
नई दिल्ली: ट्विटर ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले गुरुवार को भारत में चुनावी रणनीति की “अखंडता की रक्षा” के लिए कई बदलाव किए हैं। ट्विटर ने कहा कि इस पर पक्षपात किए जाने, फर्जी खबरें प्रसारित करने और दुर्भावनापूर्ण सामग्री पोस्ट करने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी पर भारत के संसदीय पैनल ने ट्विटर संस्थापक और CEO जैक डार्सी सहित ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों को 25 फरवरी को पेश होने के लिए बुलाया। शुरू में उन्होंने संसदीय पैनल के सामने पेश होने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उन्हें कड़ी चेतावनी दी गई। अब ट्विटर का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में “अखंडता की रक्षा” करना कंपनी की प्राथमिकता है, क्योंकि भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और कंपनी के यहाँ सबसे तेजी से बढ़ते यूजर हैं।
इसमें कहा गया है, “2019 लोकसभा चुनाव ट्विटर के लिए यह प्राथमिकता है और हमारी समर्पित क्रॉस-फंक्शनल टीम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि इस महत्वपूर्ण समय में सार्वजनिक बातचीत की सुरक्षा को बढ़ाया और संरक्षित किया जाए।”
ट्विटर ने लोगों को टाइमलाइन से खबरों को पढ़ने की अनुमति देने के लिए उपयोगकर्ता के अनुभव को बदल दिया। फर्जी खातों और अमानवीय गतिविधि की पहचान करने के लिए अपने नियमों का विस्तार किया और कहा, “हम चुनाव प्रक्रिया की अखंडता का बहुत सम्मान करते हैं और एक ऐसी सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो लोकतांत्रिक और स्वतंत्र लोकतांत्रिक बहस की सुविधा प्रदान करें।”
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