दक्षिणपंथी समूहों के विरोध के बाद ट्विटर इंडिया को संसदीय पैनल ने भेजा समन
नई दिल्ली: ट्विटर इंडिया को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति के समक्ष बुलाया गया है। समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) के अधिकारियों को भी बुलाया है। यह बैठक 11 फरवरी को दोपहर 3 बजे नई दिल्ली में होगी।
बैठक की अध्यक्षता भाजपा नेता अनुराग ठाकुर करेंगे। समिति सोशल मीडिया के उपयोग के मुद्दों पर चर्चा करेगा।
ठाकुर ने मामले पर आम जनता से विचार और सुझाव भी मांगे हैं। बैठक समिति के सदस्यों को सरकार और ट्विटर के अधिकारियों से उन तरीकों के बारे में पूछने का मौका देगी, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है।
The Parliamentary Commitee on Information Technology will examine the issue:
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) 5 February 2019
SAFEGUARDING CITIZENS RIGHTS ON SOCIAL/ONLINE NEWS MEDIA PLATFORMS
MEITY & TWITTER will present their views.
You can tweet/email your views:
[email protected] pic.twitter.com/bDYoSv5OHd
सरकार द्वारा यह कदम ट्विटर इंडिया के खिलाफ "दक्षिणपंथी समूहों" के विरोध के बाद उठाया गया है। इस हफ्ते की शुरुआत में एक दक्षिणपंथी समूह के यूथ फ़ॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था और आरोप लगाया था कि ट्विटर दक्षिणपंथी अकाउंट को ब्लॉक कर रही है।
समाचार एजेंसी PTI ने बताया कि विरोध करने वाले सदस्यों में से कुछ ने ठाकुर को भी ट्विटर पर लिखा था। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि ट्विटर ने उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा किए गए अपमानजनक ट्वीट की पर्याप्त जांच नहीं की। ट्विटर ने जांच करने के बजाय दक्षिणपंथी अकाउंट को ब्लॉक करने में जल्दी दिखायी। इससे पहले पिछले साल सरकार ने फेसबुक को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें उसने कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा उल्लंघन पर कंपनी की प्रतिक्रिया मांगी थी और निजी डेटा के दुरुपयोग को रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो उपाय किए गए थे।
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