अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का किया आह्वान  

Team Suno Neta Monday 4th of March 2019 08:34 PM
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छत्तीसगढ़ के एक गाँव के बाजार में आदिवासी महिलाएँ।

नई दिल्ली: 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध करने के लिए देश भर के आदिवासी संगठनों ने 5 मार्च को 'भारत बंद' बुलाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में जंगलों में रहने वाले 10 लाख से अधिक आदिवासियों को उनके जगह से बेदखल करने का आदेश दिया था।

भारत के मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में आदिवासी संगठनों के सामान्य जीवन पर प्रभाव पड़ने की संभावना कम है, और पूर्वोत्तर ने शांतिपूर्ण बंद का आह्वान किया है। केंद्र से यह सुनिश्चित करने की मांग की गयी है कि उनके अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते बेदखली आदेश पर रोक लगा दी थी, इस बात को लेकर आदिवासी समुदाय के भीतर अभी भी गुस्सा है कि “सरकारी अधिकारियों की सनक” उन्हें बेदखली के कगार पर ले गई है।

आदिवासी संगठन दिल्ली में वन अधिकार अधिनियम की बहाली की मांग के लिए मंडी हाउस से जंतर मंतर तक एक मार्च का आयोजन करेंगे।

पहले से ही कुछ आदिवासी परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में समूह बनाने शुरू कर दिए हैं।


 
 

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