भारत के आगे झुका चीन, संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित
नई दिल्ली संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर को बुधवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत उसे ‘काली सूची’ में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लेने के बाद यह कदम उठाया गया। इसपर पाकिस्तानी मीडिया ने वहां के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के हवाले से कहा, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर लगाए ‘प्रतिबंधों को तत्काल लागू’करेगा।
सूत्रों की मानें तो अमेरिका, यूके और फ्रांस की तरफ से संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसके बाद चीन पर खासा दबाव था। भारत एक दशक से कोशिश कर रहा था कि मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाए लेकिन चीन चार बार अड़ंगा लगा चुका था। अब जब पुलवामा आतंकी हमला हुआ, तो भारत ने और भी दबाव बनाया। वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने भी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा कि यह भारत की कूटनीतिक जीत है। हम यूनाइटेज नेशन्स सिक्यूरिटी काउंसिल का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं। आज देश का हर नागरिक खुश होगा।
गौरतलब है कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है। यूएन ने मसूद अजहर का नाम ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। भारत लंबे समय से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने की मांग कर रहा था। मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने को लेकर इस बार चीन ने कोई अड़ंगा नहीं लगाया है। मसूद अजहर पर भारत में कई बड़े आतंकी हमले कराने का आरोप है. इनमें संसद पर हमला, पुलवामा हमला और पठानकोट हमला मुख्य रूप से शामिल हैं।
बता दें कि जेल से छूटने के बाद मौलाना मसूद अजहर ने फरवरी 2000 में जैश-मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन की नींव रखी थी, जिसका मकसद था भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना। साल 2001 में भारतीय संसद में हमला हुआ जिसके पीछे जैश का ही हाथ था। पाकिस्तान में उसे गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन उसके खिलाफ सबूत नहीं दिए जाने से लाहौर हाइकोर्ट ने उसे छोड़ने के आदेश दिए गए। आतंकी मसूद अजहर के नापाक इरादों से अमेरिका भी अछूता नहीं रहा। साल 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या की गई। इस घटना के बाद अमेरिका ने मसूद अजहर को मांगा। साल 2003 में परवेज मुशर्रफ पर भी आत्मघाती हमला हुआ। इसके बाद उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। दबाव बढ़ने के बाद उसे नजरंबद और हिरासत में ले लिया गया लेकिन वह बच निकलने में कामयाब रहा।
अपना कमेंट यहाँ डाले