2019 लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा में गठबंधन को लेकर बनी सैद्धांतिक सहमति
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में एक दूसरे के धुर विरोधी रहे समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गठबंधन के लिये हाथ आगे बढ़ाया है। दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व ने गठबंधन पर ‘सैद्धांतिक सहमति‘ दे दी है। गठबंधन की घोषणा बहुत जल्द हो सकती है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर ‘सैद्धांतिक सहमति‘ बन चुकी है और उम्मीद है कि इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी। सम्भावना है कि इसी महीने में ही इसकी घोषणा हो सकती है। उन्होंने बताया कि गठबंधन को लेकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। गुरुवार को भी दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई थी।
सीटों के बंटवारे के सवाल पर सपा प्रवक्ता ने कहा कि इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन उन्होंने इतना कहा कि कुछ छोटे दलों को भी गठबंधन में शामिल करने के लिये बात हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में असर रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से भी गठबंधन में शामिल करने के लिये बातचीत हो रही है। कांग्रेस को गठबंधन में शामिल किये जाने की सम्भावना पर चौधरी ने कहा कि इसका निर्णय दोनों पार्टियों के प्रमुख अखिलेश और मायावती ही लेंगे।
हालांकि दोनों पार्टियों के गठबंधन की खबरों के बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पी एल पुनिया ने बयान दिया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है, हमारे कार्यकर्ता तैयार हैं। हमने किसी से भी गठबंधन की बात नहीं की है।
सपा और बसपा को भरोसा है कि दोनों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से वे उत्तर प्रदेश में भाजपा को हरा सकती हैं। वैसे पिछले साल हुए उपचुनावों के नतीजों से संकेत मिले थे कि सपा और बसपा उत्तर प्रदेश में गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खासतौर पर इस गठबंधन के लिये इच्छुक लगे।अखिलेश अक्सर अपने सम्बोधनों में बसपा के प्रति नरम रुख दिखाते रहे हैं। वह तो यहां तक कह चुके हैं कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बसपा के लिये दो कदम पीछे हटने को भी तैयार हैं। उन्होंने हाल में गठबंधन के बारे में कहा था कि यह लोगों और विचारों का संगम होगा।
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