नक्किरन संपादक गोपाल की गिरफ़्तारी के बाद गवर्नर कार्यालय ने खारिज किया सभी आरोपों को, बताया ‘पीत पत्रकारिता’ 

Team Suno Neta Friday 12th of October 2018 06:12 PM
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नक्किरन संपादक आर गोपाल

नई दिल्ली: सप्ताह में दो बार छपने वाली तमिल पत्रिका नक्किरन के संपादक आर गोपाल की गिरफ़्तारी के बाद शुक्रवार को तमिलनाडु गवर्नर कार्यालय ने पत्रिका में छपे सभी आरोपों को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया जिसमे उन्होंने समझाया कि उनके और दूसरों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराने के पीछे क्या मज़बूरी थी। 

पत्रिका के संपादक के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी क्योंकि नक्किरन की रिपोर्ट में गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित और राजभवन को विश्वविद्यालय सेक्स घटना से जोड़ा गया था। इस कारण गोपाल को मंगलवार को चेन्नई हवाई अड्डे से गिरफ़्तार कर लिया गया था।

बयान में कहा गया है कि "विश्वविद्यालय सेक्स घटना की मुख्य आरोपी निर्मला देवी ने पिछले एक साल में कभी भी राजभवन में प्रवेश नहीं किया है और उनकी माननीय राज्यपाल, राज्यपाल सचिव या राजभवन में काम करने वाले किसी भी अधिकारी के साथ कोई परिचय नहीं है।" बयान में आगे कहा गया है कि राज्यपाल ने कभी भी विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस का दौरा नहीं किया था।

विश्वविद्यालय सेक्स घटना की मुख्य आरोपी निर्मला देवी को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। महिला छात्रों के साथ उनकी वार्तालाप की ऑडियो क्लिप सामने आई थी जिसके बाद उनको गिरफ़्तार किया गया था,  जिसमें उन्हें छात्रों को अंक और धन पाने के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ यौन पक्ष साझा करने की बात करते हुए सुना गया था। 

राजभवन के बयान में नक्किरन की रिपोर्ट को पीत पत्रकारिता (येल्लो जर्नलिज्म) बताया गया हैं। उसमे कहा गया हैं कि "यह अफसोस की बात है कि इस तरह के झूठे और इस तरह के पीत पत्रकारिता को सम्मानजनक लोगों द्वारा समर्थित किया जा रहा है, जो ऐसा प्रतीत होता है की वह तथ्यों से अवगत नहीं हैं।"

बयान में कहा गया है कि एक लोकतंत्र में स्वस्थ विचारों का आदान-प्रदान हो सकता है, लेकिन संवैधानिक प्राधिकरण पर कोई भी खतरा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


 

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