सुप्रीम कोर्ट ने पलटा केंद्र का फैसला, CBI प्रमुख आलोक कुमार वर्मा को किया बहाल 

Team Suno Neta Tuesday 8th of January 2019 12:35 PM
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आलोक कुमार वर्मा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिए अपने फैसले मे CBI निदेशक आलोक कुमार वर्मा को छुट्टी पर भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को रद कर दिया है। हालांकि आलोक वर्मा कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे। आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी जंग सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने पिछले साल 23 अक्टूबर को दोनों अधिकारियों को अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेज दिया था। दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इन सब के बाद केंद्र ने ब्यूरो के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को जांच एजेंसी के निदेशक का अस्थायी कार्यभार सौंप दिया था।

CBI का ज्यादातर विवादों से ही नाता रहा है। जब-जब CBI पर राजनीतिक दबाव पड़ा है तब उसकी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगे। 1984 दंगों में CBI ने जब जगदीश टाइटलर को बेदाग करार दिया था तब लोगों ने उस पर अंगुली उठाई थी। साथ ही मुलायम सिंह और मायावती के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामलों में भी CBI ने लीपापोती करके मामले को दबाया था जिसके चलते दोनों नेता कानून की पकड़ से बच गए थे। बोफोर्स मामले मे भी की CBI की निष्पक्षता पर सवाल उठे थे।

सात फाइलें जिसके लिए आलोक वर्मा की हरी झंडी का इंतजार था।

राफेल सौदे की फाइल: राफेल सौदे को लेकर इन दिनों सियासत तेज है। इस सौदे को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है। आलोक वर्मा को चार अक्‍टूबर को भाजपा नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने 132 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी।

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया केस: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में भ्रष्टाचार का मामला आलोक वर्मा देख रहे हैं। इसमें उड़ीसा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आई एम कुद्दुसी का भी नाम शामिल है। चार्जशीट तैयारी कर ली गई थी और उन पर अलोक वर्मा के दस्तख़त होने बाकी थे।

न्यायधीश एस एन शुक्ला केस: इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के न्यायाधीश एस एन शुक्ला का नाम भी इस मामले में सामने आया था। उन्हें मेडिकल सीटों पर ऐडमिशन में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते छुट्टी पर भेज दिया गया था। इस मामले में भी जांच पूरी कर ली गई थी और सिर्फ़ आलोक वर्मा के हस्ताक्षर बचे थे।

वित्त एवं राजस्व सचिव हंसमुख अधिया: भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के CBI को सौंपे गए वो दस्तावेज़ शामिल हैं जिनमें उन्होंने वित्त एवं राजस्व सचिव हसमुख अधिया के ख़िलाफ़ शिकायत की है।

कोयले की खदानों का आवंटन मामला: कोयले की खदानों के आवंटन मामले में प्रधानमंत्री के सचिव IAS भास्कर खुलबे की संदिग्ध भूमिका की CBI जांच की जा रही थी।

नौकरी मे रिश्वत का मामला: नेताओं और अधिकारियों को नौकरी के लिए रिश्वत देने के संदेह में दिल्ली आधारित एक बिचौलिए के घर पर छापा मारा गया था। मामले की जांच चल रही है।

संदेसरा और स्टर्लिंग बायोटेक मामला: संदेसरा और स्टर्लिंग बायोटेक के मामले की जांच पूरी होनी वाली थी। इसमें CBI के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की कथित भूमिका की जांच की जा रही थी।



 

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