सुप्रीम कोर्ट ने GJM नेताओं को संरक्षण के लिए कोलकाता हाईकोर्ट जाने को कहा 

Shruti Dixit  Wednesday 3rd of April 2019 04:09 PM
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सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय में गौरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेताओं रोशन गिरी और बिमल गुरुंग ने अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट में जाने के लिए कहा है। कोर्ट ने जीजेएम नेताओं से कहा कि वो चार दिन के अंदर-अंदर कलकत्ता हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए अपील करें। साथ ही सुप्रीम कोर्ट न कलकत्ता हाईकोर्ट से इस मामले को जल्द निपटाने का भी आदेश जारी कियाा है। SC ने कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा कि जब-तक वो कोई फैसला नहीं लेता तब-तक किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की जाए।

जस्टिस अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एमएम शांतागौदर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि इस दौरान दोनों नेताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए. कोर्ट ने कहा कि कालकत्ता हाईकोर्ट मामले पर जल्दी फैसला करेगा। गिरि ने मंगलवार को शीर्ष अदालत से कहा था कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है और उसने उन्हें कई फर्जी मामलों में फंसाया है। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने इससे साफ इंकार करते हुए कहा कि गिरि भगोड़े हैं और विभिन्न गंभीर अपराधों में उनकी कथित संलिप्तता के दस्तावेज मौजूद हैं. गिरि और गुरुंग दोनों पर 2010 में मदन तमांग की हत्या में शामिल होने का आरोप है। इसके अलावा भी दोनों के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं।


बता दें कि गौरखालैंड की मांग के लिए दार्जिलिंग में आंदोलन किए गए थे ये आंदोलन हिंसक हो गए थे। इसके बाद गुरुंग और उनके साथियों के खालिफ पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। तभी से गुरुंग और उनके कुछ साथी फरार चल रहे हैं। गुरुंग ने प्रदर्शन के दौरान गोरखालैंड समर्थकों की कथित हत्याओं के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।


 
 

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