सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT की गिनती बढ़ाने के आदेश की समीक्षा के लिए विपक्ष की याचिका को किया खारिज 

Team Suno Neta Tuesday 7th of May 2019 05:29 PM
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उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मतदाता का उपयोग करते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम/EVM) के 50 प्रतिशत वोटर वेरिफिएबेल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) की गिनती को लेकर सर्वोच्च अदालत के फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई थी।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद EVM खराब होने की रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्षी दल अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था। ऐसे रिपोर्ट आए थे की वोटर न किसी प्रत्याशी को वोट दिया लेकिन वह दर्ज़ किसी और प्रत्याशी के नाम हुआ।

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 8 अप्रैल के अपने आदेश में चुनाव आयोग को प्रति विधानसभा सीट पर एक से पांच मतदान केंद्रों पर EVM के साथ VVPT पर्चियों के मिलान को बढ़ाने का निर्देश दिया था।

विपक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “हमने 50 प्रतिशत (वेरिफिकेशन) के लिए कहा था, लेकिन हम 33 या 25 प्रतिशत वेरिफिकेशन के लिए समझौता कर सकते हैं। माननीय न्यायधीशों ने सैद्धांतिक रूप से हमारी दलील से सहमति जताई हैं, लेकिन एक VVPAT से गिनती बढ़ाकर केवल पाँच कर दी। मेरे माननीय न्यायधीशों ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान इस समय 50 प्रतिशत ‘व्यवहार्य’ नहीं था।”

चुनाव आयोग ने दलील दी थी कि अगर पार्टियों की मांग पूरी होती है तो चुनाव परिणाम छह दिन देरी से आएंगे।

नायडू के अलावा याचिकाकर्ताओं में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, डीएमके नेता एमके स्टालिन, AAP नेता अरविंद केजरीवाल और राष्ट्रीय कांग्रेस नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल थे।


 
 

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