सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने पर देवेंद्र फडणवीस को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक याचिका का जवाब देने का आदेश दिया है कि जिसमे उन पर आरोप लगाया गया है कि फडणवीस ने अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है।
एक सामाजिक कार्यकर्ता और वकील सतीश उके ने फडणवीस के खिलाफ याचिका दायर की है कि मुख्यमंत्री ने नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक के रूप में चुनाव में चुनाव आयोग को दायर शपथ पत्र में दो लंबित आपराधिक मामलों के ब्योरे का खुलासा नहीं किया है।
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि फडणवीस का ACT पीपुल्स एक्ट 1951 के धारा 125 A का स्पष्ट उल्लंघन है। याचिकाकर्ता के अनुसार 1996 और 1998 में फडणवीस के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में दो मामले दर्ज किए गए थे। फडणवीस ने एक बंधन प्रस्तुत किया था जिसमे 3,000 रुपये के बांड का मामला था।मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की एक खंडपीठ ने फडणवीस को अपनी प्रतिक्रिया देने का नोटिस जारी किया है।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने फडणवीस के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के खुलासे के कारण विधायक के रूप में फडणवीस के चुनाव को रद्द करने की मांग करने वाली सतीश उके की याचिका खारिज कर दी थी। उके ने उसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया।
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