सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में स्टरलाइट प्लांट को खोलने की नहीं दी मंजूरी
नई दिल्ली: तमिलनाडु का विवादास्पद स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टिंग प्लांट कथित प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि प्लांट बंद रहेगा। गौरतलब है कि पिछले साल विरोध के बाद प्लांट बंद हो गया था। सुप्रीम कोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा एक आदेश को लागू करने के लिए तमिलनाडु के प्रदूषण नियंत्रण निकाय को निर्देश देने के लिए वेदांत समूह के अनुरोध पर सुनवाई कर रही थी।
न्यायाधीश रोहिंटन फली नरीमन और न्यायाधीश विनीत सरन की पीठ ने वेदांता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा और इसके साथी ही कोर्ट ने कहा कि चूंकि तूतीकोरिन प्लांट कुछ समय से बंद है, इसलिए वे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से शीघ्र सुनवाई और अंतरिम राहत देने का अनुरोध कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि NGT के पास इस मामले में सुनवाई करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वेदांता समूह की स्वामित्व वाली कंपनी स्टरलाइट, थूथुकुडी जिले में कॉपर प्लांट को फिर से खोलने की अनुमति के लिए मद्रास हाईकोर्ट के पास जा सकती है।
तमिलनाडु सरकार ने NGT के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। न्यायाधीश आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह तमिलनाडु की अपील को NGT के आदश के खिलाफ बनाए रखने की अनुमति दे रही है।
स्टरलाइट के तांबे के प्लांट को तमिलनाडु सरकार ने पिछले साल मई में कथित प्रदूषण की वजह से बंद करने का आदेश दिया था। इसके कारण पिछले साल मई में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवाई गयी और 13 की हत्या कर दी गयी। तमिलनाडु सरकार ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सील करने और स्थायी रूप से संयंत्र को बंद करने के लिए आदेश दिया था।
स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद राज्य अधिकारियों ने पिछले साल मई में स्टरलाइट संयंत्र में बिजली की आपूर्ति रोक दी थी। पर्यावरणविदों और स्थानीय कार्यकर्ताओं का दावा है कि तांबा गलाने से क्षेत्र में भूजल प्रदूषित हो रहा है, जिससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
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