कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस छोड़ थामा शिवसेना का दामन, वजह बनी रहस्य
नई दिल्ली कांग्रेस की तेज-तर्रार प्रवक्ता रहीं प्रियंका चतुर्वेदी शिवसेना में शामिल हो गई हैं। प्रियंका ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में शिवसेना जॉइन की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं मुंबई में पली-बढ़ी हूं, पिछले कुछ दिनों से मुंबई से कट गई थी, लेकिन अब मैं वापस यहां जुड़ना चाहती हूं।
प्रियंका बोलीं कि मैंने लौटने का मन बनाया तो इस संगठन के अलावा कोई और संगठन ध्यान में नहीं आया। बता दें कि प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने साथ हुई अभद्रता का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि आरोपियों को दोबारा वापस बुला लिया गया, मैंने कांग्रेस को 10 साल दिए थे और अब मैंने सब सोच-समझकर ही शिवसेना से जुड़ने का मन बनाया है।
I am absolutely overwhelmed and grateful with the love and support I have got across board from the nation in the past 3 days.
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) April 19, 2019
I consider myself blessed with this immense outpouring of support. Thank you to all who have been a part of this journey. pic.twitter.com/WhUYYlwHLj
प्रियंका चतुर्वेदी पिछले दिनों यूपी के मथुरा में थीं। यहां राफेल डील को लेकर हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था। जिस पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आरोपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। हालांकि बाद में घटना पर खेद प्रकट करते हुए कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया था। इस पूरे मसले पर प्रियंका चतुर्वेदी ने अफसोस प्रकट करते हुए दुख जाहिर किया। हालांकि प्रियंका चतुर्वेदी के इस्तीफे के पीछे कई राजनीतिक कारण भी बताए जा रहे हैं। सियासत के बंद दरवाजों से ऐसी खबरें भी आई हैं कि प्रियंका चतुर्वेदी खुद चुनाव लड़ना चाहती थीं और उनकी नज़र यूपी की मथुरा सीट पर थी।
दूसरी तरफ खबरें ये भी हैं कि प्रियंका मुंबई की एक और सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं, जो संजय निरुपम को मिल गई। वजह ये बताई गई कि संजय निरुपम मुंबई प्रदेश अध्यक्ष के नाते पिछले 5 सालों से सड़कों पर आंदोलन करते रहे हैं। दूसरा, कांग्रेस ने मुंबई में प्रिया दत्त और उर्मिला मातोंडकर यानी दो महिलाओं को टिकट दे दिया था और तीसरी महिला उम्मीदवार के लिए अब वहां जगह नहीं बन रही थी। राजनीति के जानकार मानते हैं कि प्रियंका के इस तात्कालिक फ़ैसले के पीछे भले ही मथुरा की घटना हो लेकिन उसके पीछे एक गहरी राजनीतिक सोच भी है।
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