सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्त IPS अधिकारी संजीव भट्ट की अपने परिवार की सुरक्षा मांगने वाली याचिका पर सुनवाई करने से किया इनकार  

Team Suno Neta Friday 8th of February 2019 12:43 PM
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संजीव भट्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात कैडर के IPS अधिकारी संजीव भट्ट की याचिका सुनवाई करने से इनकार कर दिया। याचिका में संजीव के परिवार की सुरक्षा की मांग की गई थी। जस्टिस ए के सीकरी और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने भट्ट से अपनी याचिका के साथ गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा।

गौरतलब है कि भट्ट को 2011 में आधिकारिक वाहनों के बिना अनुमति और दुरुपयोग के कारण ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था और बाद में अगस्त 2015 में बर्खास्त कर दिया गया था। उनकी पत्नी श्वेता ने 2012 में अहमदाबाद में मणिनगर विधानसभा क्षेत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था।

बनासकांठा पुलिस के साथ जुड़े कुछ पूर्व पुलिसकर्मियों सहित संजीव भट्ट और सात अन्य को शुरू में इस मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। भट्ट 1996 में बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक थे। पुलिस के अनुसार, भट्ट के अधीन बनासकांठा पुलिस ने 1996 में सुमेरसिंह राजपुरोहित नामक एक वकील को लगभग 1 किलो ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

उस समय बनासकांठा पुलिस ने दावा किया था कि जिले के पालनपुर शहर में राजपुरोहित के कब्जे में एक होटल के कमरे में ड्रग्स पाया गया था। हालांकि राजस्थान पुलिस की एक जांच में पता चला कि राजपुरोहित को बनासकांठा पुलिस द्वारा कथित रूप से झूठा फंसाया गया था ताकि वह राजस्थान के पाली में एक विवादित संपत्ति को स्थानांतरित करने के लिए मजबूर हो सके।

यह भी दावा किया गया कि राजपुरोहित को बनासकांठा पुलिस ने पाली स्थित उसके आवास से कथित तौर पर अपहरण कर लिया था। राजस्थान पुलिस की जांच के बाद बनासकांठा के पूर्व इंस्पेक्टर बी बी व्यास ने 1999 में गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया और इस मामले की गहन जांच की मांग की। इस साल जून में हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच CID को सौंप दी थी और तीन महीने में जांच पूरी करने को कहा था।


 
 

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