सबरीमाला में प्रवेश करने वाली महिला: वे मुझ पर हमला कर सकते हैं, वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन मुझे कोई डर नहीं लगता है  

Team Suno Neta Tuesday 22nd of January 2019 11:08 AM
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बिंदू अम्मिनी

नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर में इस महीने की शुरुवात में प्रवेश करने वाली महिला बिंदू अम्मिनी ने कहा कि वह अपनी सुरक्षा के बारे में यथार्थवादी थी।वह केरल में हाल ही में हुई “शांति’’ के बारे में सोच रही थी। उसके लिए आगे का लक्ष्य अब समाज की सेवा, दलितों, महिलाओं और अश्वेतों के लिए काम करना है। इस महीने में बिंदू अम्मिनी एक घर से दूसरे घर तक अपने पति और बेटी से अलग होकर घर लौटने की जोखिम उठाती रही।

कोच्चि शहर के पास एक साक्षात्कार में बिंदू ने कहा कि सबरीमाला की यात्रा उसके लायक थी। वह एक निचली जाति की महिला है, जो गरीबी को झेलते हुए बड़ी हुई है। अम्मीनी ने इस बात पर जोर दिया कि मंदिर में प्रवेश के उसके कदम को किसी एक्टिविस्ट के काम की श्रेणी में नही लाना चाहिए। वह संविधान में वर्णित समानता के अधिकार का प्रयोग कर रही थी।

बिंदू ने कहा, “हम परेशानी शुरू करने की कोशिश नहीं कर रहे थे, हमारा लक्ष्य केवल मंदिर की यात्रा करना था। जो महिलाओं की अगली पीढ़ी के लिए एक  प्रेरणा की तरह होगा।’’

सुरक्षा सवालों के पूछे जाने पर बिंदू अम्मिनी ने कहा, “वे मुझ पर हमला कर सकते हैं, वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन मुझे इसका डर नहीं है। मैं अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हूँ।’’

बिंदु ने अपने साक्षात्कार में बताया कि 1 जनवरी केरल में लाखों महिलाओं द्वारा हाथ से हाथ मिलाकर दीवार बनाने की खबरों से प्रेरित होकर उसने मंदिर में कनकदुर्गा के साथ प्रवेश करने की योजना बनायीं।


 

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