रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में तीसरी बार कटौती की, इस बार घटाया 0.25% 

Amit Raj  Thursday 6th of June 2019 12:34 PM
(34) (6)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में आम आदमी को एक बार फिर राहत दी है। गुरुवार को RBI ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। रेपो रेट 0.25 फीसदी कम होकर 5.75 फीसदी हो गया है। यह लगातार तीसरा मौका है जब ब्याज दर घटाई गई हैं। पिछली दो बैठकों में भी MPC रेपो रेट में चौथाई-चौथाई फीसदी की कटौती कर चुकी है। 

रेपो रेट घटने से लोन सस्ता हो सकता है। दरसल रेपो रेट में कटौती से बैंकों के धन की लागत कम होगी और वह आगे अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे पायेंगे। आने वाले दिनों में इससे होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे कर्ज सस्ते हो सकते हैं। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे वाणिज्यक बैंकों को अल्पावधि के लिये नकदी उपलब्ध कराता है। एमपीसी के सभी 6 सदस्यों ने रेट कट और भूमिका में बादलाव का निर्णय सर्व सम्मति से लिया।

रिजर्व बैंक की ओर से चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में कटौती से निकट भविष्य में मांग बढ़ने की ज्यादा उम्मीद नहीं लगती। इसकी वजह वित्तीय बाजार में दर कटौती की त्वरित प्रतिक्रिया का अभाव है। इंडिया रेटिंग ने एक रिपोर्ट में यह आशंका जताई है।

रेटिंग एजेंसी का कहना है आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में अब तक पॉलिसी रेट में कटौती का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है। बैंकों ने अपने कर्ज और डिपॉजिट रेट में इसके बाद कोई खास बदलाव नहीं किया। इसके उलट कई बैंकों ने अपनी जमा दरों को बढ़ाया है ताकि अधिक से अधिक जमा राशि जुटाई जा सके।

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आरबीआई की यह पहली समीक्षा बैठक थी। 6 सदस्यों वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की अगुवाई RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं। इसकी प्रमुख बातें निम्न हैं-

1. एमपीसी नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ से ‘नरम’ कर दिया है।। इस बार विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई थी कि एमपीसी मौद्रिक स्थिति के संबंध में अपने मौजूदा 'तटस्थ' रुख को बदलकर नरम कर सकता है।

2. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास दर अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया है।

3. रिजर्व बैंक ने 2019-20 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान मुद्रास्फीति 3–3.10 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। पिछली समीक्षा में यह अनुमान 2.90–3.0 प्रतिशत का था। वहीं 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए मुद्रास्फीति 3.4–3.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने भी कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती को जारी रखना होगा। उन्होंने कहा, उपभोक्ता सामान खंड में उत्पादन और बिक्री में कमी को दूर करने की जरूरत है। यात्री कारों, दोपहिया और गैर टिकाऊ सामान क्षेत्र में बिक्री में वृद्धि की जरूरत है। जिसके लिए रेपो रेट में कमी लाना आवश्यक था।


 

रिलेटेड

 
 

अपना कमेंट यहाँ डाले