सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10% आरक्षण वाला विधेयक राज्यसभा में हुआ पास  

Team Suno Neta Wednesday 9th of January 2019 11:26 PM
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नई दिल्ली: सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थाओं में 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रावधान वाले संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में काफ़ी हंगामें के बाद पारित हो गया। इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में यह विधेयक पारित हुआ था। लोकसभा में यह विधेयक 323 मतों के समर्थन से पास हुआ। इसके विरोध में केवल तीन वोट पड़े। राज्यसभा में यह विधेयक 165 मतों के समर्थन से पास हुआ। राज्यसभा में विधेयक के विरोध में 7 वोट पड़े। केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को सोमवार को मंजूरी दी थी।

बुधवार को राज्यसभा के शीतकालीन सत्र का आख़िरी दिन था। सरकार के लिए यह विधेयक पारित कराना बहुत ही महत्वपूर्ण था। विपक्ष शुरू से ही आरोप लगाता रहा है कि सरकार द्वारा यह विधेयक 2019 लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए लाया गया है।

राज्यसभा में विधेयक पारित हो चुका है,अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जहाँ राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक क़ानून बन जाएगा।
ग़ौरतलब है कि राजयसभा में NDA सरकार के पक्ष में पर्याप्त संख्याबल नही है। इसलिए कयास लगाए जा रहे थे कि शायद यह विधेयक राज्यसभा में अटक सकता है। विपक्ष ने तमाम दलीलें दी और काफ़ी तर्क वितर्क के बाद आखिरकार इस विधेयक को समर्थन दिया। विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव को सदन ने नकार दिया है। 155 सांसदों ने विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को नहीं भेजने पर मुहर लगाई।

ग़ौरतलब है कि राजयसभा में किसी भी संविधान संसोधन विधेयक को पारित कराने के लिए सदन के आधे से ज्यादा सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। इसके अतिरिक्त विधेयक को दो तिहाई मतों से समर्थित भी होना पड़ता है। राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 245 हैं इनमे से NDA की संख्या 89 के करीब है। विधेयक को सदन में पास कराने के लिए 245 में से 123 सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने विधेयक पारित होने के बाद ट्वीट कर बधाई दी।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सामान्य वर्ग के गरीब तबकों के लिए आरक्षण को सीमित करने के प्रयास पहले किए गए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस विचार को खारिज कर दिया था कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस के एक अन्य सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार से पूछा कि इस विधेयक ने अन्य पिछड़े वर्गों को लाभ का लाभ उठाने से क्यों नहीं रोका, जो सामान्य वर्ग के गरीब तबके से कम आय वाले हैं।

समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने वर्तमान सरकार पर अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े समुदायों के लिए पर्याप्त आरक्षण देने में विफल रहने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी सरकार पर हमला किया और कहा कि यह प्रस्ताव युवाओं और गरीब लोगों को गुमराह करने के लिए है।


 

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