राजस्थान की कांग्रेस सरकार स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में किए कई बदलाव, सावरकर के नाम से ‘वीर’ हटाया 

Amit Raj  Friday 14th of June 2019 10:53 AM
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विनायक दामोदर सावरकर

नई दिल्ली: राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने फैसला किया है कि अब स्कूलों की किताबों में विनायक दामोदर सावरकर के नाम के आगे “वीर” नहीं लिखा जाएगा। राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के लिए ताजा छपी किताबों में यह परिवर्तन इस साल 13 फरवरी, 2019 को गठित पाठ्य-पुस्तक समीक्षा समिति द्वारा की गई सिफारिशों के बाद किया गया है।

सावरकर से जुड़ी सामग्री में अहम बदलाव किया गया है। इसमें विनायक दामोदर सावरकर को वीर और देशभक्त नहीं, बल्कि जेल से बचने के लिए अंग्रेजों से दया मांगने वाला बताया गया है। उनके नाम के आगे से “वीर” हटा दिया गया है। नए बदलाव के साथ राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किताबें मार्केट में वितरित भी करवा दी हैं। यह बदलाव कक्षा 12 की इतिहास की किताब में किया गया है।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी सरकार के दौरान कक्षा 12वीं की इतिहास की पुरानी किताबों में सावरकर के नाम के आगे “वीर” लगाया गया था और विस्तार से बताया गया था कि सावरकर ने भारत की आज़ादी की लड़ाई में किस तरह अपना योगदान दिया।

ज्ञात हो कि राजस्थान में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने राज्य में स्कूली किताबों के पुनरीक्षण के लिए एक समिति का गठन किया था। इससे पहले समिति ने सावरकर की लघु आत्मकथा का पुनरीक्षण कर उनके नाम के आगे से “वीर” शब्द हटाकर विनायक दामोदर सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का समर्थक बताया था।

इसके साथ ही कक्षा 10वीं की सामाजिक विज्ञान की किताब में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए हल्दीघाटी युद्ध के चैप्टर में भी थोड़ा बदला किया गया है।

किताबों में कहा गया है कि महाराणा प्रताप अपने घोड़े “चेतक” को मरते हुए छोड़कर युद्ध छोड़कर चले गए थे। नई किताबों में ये नहीं बताया गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में किसकी जीत हुई थी जबकि पुरानी किताबों में लिखा गया है कि अकबर हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप को हराने में कामयाब नहीं रहे।

राजस्थान के स्कूली शिक्षामंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि किताबों में बदलाव शिक्षाविदों की विशेषज्ञों की कमिटी की अनुशंसा के आधार पर किया जा रहा है। वहीं भाजपा ने इन बदलावों को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।


 
 

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