राजस्थान में रेलवे ट्रैक पर गुर्जर आरक्षण आंदोलन के कारण रेल यातायात हुआ प्रभावित
नई दिल्ली: आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में रेलवे पटरियों के किनारे चल रहे गुर्जर धरने के कारण पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन की कम से कम आठ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और 12 को उनके रुट से डायवर्ट कर दिया गया।
गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने शुक्रवार को अपने समर्थकों के साथ गुर्जरों सहित पांच समुदायों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर धरना शुरू किया था। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जरों, रायका-रेबारी, गादिया लुहार, बंजारा और गडरिया को पांच प्रतिशत अलग से आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
बैंसला ने पिछले महीने राज्य सरकार को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण पर अपना रुख साफ करने के लिए 20 दिन का “अल्टीमेटम” दिया था, जिसमें विफल रहने पर उन्होंने कोटा आंदोलन को पुनर्जीवित करने की धमकी दी थी। अल्टीमेटम की समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई। सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर में 'महापंचायत' आयोजित करने के बाद बैंसला ने अपने समर्थकों के साथ गाड़ियों को रोककर धरने की शुरुआत की।
आंदोलनकारियों को शांत करने के तरीकों का पता लगाने के लिए राज्य की राजधानी में उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित की गईं। इस बीच सवाई माधोपुर के मकसूदनपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे गुर्जर समुदाय के सदस्यों ने ANI को बताया, “हमारे पास अच्छे मुख्यमंत्री और एक अच्छे प्रधानमंत्री हैं। हम चाहते हैं कि वे गुर्जर समुदाय की मांगों को सुनें। आरक्षण प्रदान करना उनके लिए एक कठिन कार्य नहीं है।”
बैंसला ने कल संवाददाताओं से कहा था कि चीजें तेजी से बदल रही हैं और लोगों को हर समय बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “मैं यहां नहीं आया हूं, लेकिन भीड़ ने मुझे रेलवे पटरियों पर लाया है। लोगों को हर समय बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। यह करो या मरो की लड़ाई है। राज्य सरकार को अपने वादे पर कायम रहना चाहिए। यह शांतिपूर्ण विरोध होगा। मैं विरोध का नेतृत्व करूंगा और युवा समर्थन करेंगे।”
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