एम जे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में प्रिया रमानी को कोर्ट ने किया तलब
एम जे अकबर (बाएं) और प्रिया रमानी
नई दिल्ली: #MeToo अभियान के तहत यौन शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाने के मामले में केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा दाखिल मानहानी मामले में दिल्ली कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी को 25 फरवरी को अदालत में हाजिर होने के लिए कहा है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन जज समर विशाल ने अकबर की याचिका पर निर्देश जारी किया।
प्रिया रमानी ने पिछले साल लगभग 20 साल पहले यौन शोषण का आरोप लगाया था। इन आरोपों को अकबर ने अस्वीकार कर दिया गया था। एम जे अकबर को तब मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और 17 अक्टूबर को उन्होंने कोर्ट में अपराधिक मानहानि का केस दर्ज किया था। अकबर का नाम सोशल मीडिया में #MeToo अभियान के समय में उछला था। इस मुहिम के तहत दुनिया भर में महिलाओं ने अपने काम के दौरान हुए यौन शोषण के मामले सोशल मीडिया में बताया था।
अदालत ने 11 जनवरी को अकबर द्वारा दायर मामले के समर्थन में तीन गवाहों के बयान दर्ज किए थे। तपन चाकी, मंजर अली और रचना ग्रोवर ये तीन गवाह अकबर द्वारा कोर्ट में पेश किए गए थे। इन्होने अपने कहा कि वे (अकबर) बेहद “व्यथित और निराश” थे क्योंकि आरोपों के कारण उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा है। अकबर ने अपने बयान में अदालत को बताया था कि यौन शोषण के “अपमानजनक”, मनगढ़ंत और झूठे आरोपों के कारण उन्हें “तत्काल नुकसान” हुआ है। उन्होंने आरोपों को “झूठा, मनगढ़ंत और परेशान करने वाला” करार दिया था और कहा था कि वह उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।
एक पत्रकार के रूप में काम करने के दौरान उनके द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के कारण उनके विरोध में कई महिलाएं सामने आईं थी।
कोर्ट के आदेश के बाद प्रिया रमानी की प्रतिक्रिया
रमानी ने कोर्ट के आदेश के प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया। जिसमे उन्होंने लिखा: “हमारे पक्ष की कहानी बताने का वक़्त आ गया है।”
Time to tell our side of the story :) https://t.co/q5H9jTZ4UJ
— Priya Ramani (@priyaramani) 29 January 2019
#MeToo: Priya Ramani summoned to court as accused in MJ Akbar’s defamation case
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