केरल नन रेप केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने पादरी के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए याचिका ख़ारिज  

Team Suno Neta Tuesday 29th of January 2019 08:46 PM
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बिशप फ्रैंको मुलक्कल

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका को रद्द कर दिया जिसमे पादरी के खिलाफ लगे यौन प्रताड़ना के आरोपों की जांच CBI और SIT से कराने की मांग की गयी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध याचिका में दावा किया गया कि कैथोलिक पादरी द्वारा कथित यौन दुर्व्यवहार की शिकायत को यहां के चर्च ने नजरअंदाज कर दिया था। याचिका की सुनवाई न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश वी के रॉव की पीठ ने किया। पीठ ने अपने फैसले में कहा, "हम इस मामले को नहीं देखेंगे। यह रद्द किया जाता है।"

याचिकाकर्ता संजीवजी कुकुमार ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक 'पादरी दुर्व्यवहार हॉटलाइन' स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देश की मांग की ताकि यौन उत्पीड़न पीड़ित और बचे हुए लोग अपनी शिकायत दर्ज करके न्याय मांगने के लिए आगे आ सकें और कोई भी व्यक्ति कानून लागू करने के लिए नेतृत्व / सुझाव दे सके।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि दिल्ली में एक कैथोलिक रिट्रीट सेंटर में एक पादरी पर यौन शोषण का आरोप था, जिसकी जांच करने की आवश्यकता थी। इस सम्बन्ध में पीड़ित नन ने चर्च के अधिकारियों को एक गुमनाम पत्र लिखा था। अधिकारियों ने "अपराधी के खिलाफ" कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया था। याचिका में आरोप लगाया गया कि चर्च के अधिकारियों की निष्क्रियता प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है और पीड़ितों ने कैथोलिक चर्चों द्वारा उनके आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया है।

दलील में बिशप फ्रैंको मुलक्कल के मामले का जिक्र किया गया है, जो केरल नन रेप केस का आरोपी है और वर्तमान में जमानत पर बाहर है। उसे जनवरी 2009 में दिल्ली के रोमन कैथोलिक आर्कडीओसीज के सहायक बिशप के रूप में नियुक्त किया गया था। यह दावा किया गया है कि बिशप ने केरल में कोट्टायम जिले में एक कॉन्वेंट में अपनी सेवा के दौरान 2014 और 2016 के बीच कथित तौर पर केरल नन से 13 बार बलात्कार किया था।


 

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