200 लेखकों के बाद अब 600 से ज्यादा कलाकारों ने की भाजपा को वोट ना देने की अपील
नई दिल्ली सिनेमा और थिएटर जगत के 600 से अधिक कलाकारों ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान जारी कर नागरिकों से नफ़रत और कट्टरता के ख़िलाफ वोट करने की अपील की है। इससे पहले 200 से ज्यादा लेखकों ने भी संयुक्त रूप से भाजपा के खिलाफ वोट देने की गुजारिश की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन कलाकारों में अमोल पालेकर, अनुराग कश्यप, डॉली ठाकोर, लिलेट दुबे, नसीरुद्दीन शाह, अभिषेक मजूमदार, अनामिका हाकसर, नवतेज जौहर, एमके रैना, महेश दत्तानी, कोंकणा सेन शर्मा जैसी हस्तियां शामिल हैं। जारी किए गए बयान में लोगों से भाजपा और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ मतदान करने और धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक भारत के लिए वोट करने की अपील की गई है।
आपको बता दें कि 12 भाषाओं में छापे गए इस पत्र में लिखा है, “आने वाले लोकसभा चुनाव देश के सबसे गंभीर चुनाव है। आज गीत, नृत्य, हास्य सहित कला खतरे में है। हमारा संविधान खतरे में है। सरकार ने उन संस्थाओं का गला घोंट दिया है जहां तर्क, बहस और असहमति का विकास होता है। किसी लोकतंत्र को सबसे कमजोर और सबसे अधिक वंचित लोगों को सशक्त बनाना चाहिए।” पत्र में आगे लिखा है, “कोई लोकतंत्र सवाल, बहस और विपक्ष के बिना काम नहीं कर सकता। इन सभी को मौजूदा सरकार ने पूरी तरह से कुचल दिया है। बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए वोट करें। इस पत्र पर महेश एलकुंचेवार,कीर्ति जैन, अरूंधती नाग, लिलेट दुबे, अभिषेक मजूमदार, शांता गोखले, महेश दत्तानी, कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, मीता वशिष्ठ, मकरंद देशपांडे और अनुराग कश्यप ने हस्ताक्षर भी किए हैं।”
बता दें कि इससे पहले देशभर के 200 से अधिक लेखकों ने भी ‘नफ़रत की राजनीति’ के ख़िलाफ़ वोट करने की अपील की थी। अपील पर हस्ताक्षर करने वाले 210 लेखकों ने कहा था, “आगामी लोकसभा चुनाव में देश चौराहे पर खड़ा है। हमारा संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार, अपने हिसाब से भोजन करने की स्वतंत्रता, प्रार्थना करने की स्वतंत्रता, जीवन जीने की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति जताने की आजादी देता है लेकिन बीते कुछ वर्षों में हमने देखा है कि नागरिकों को अपने समुदाय, जाति, लिंग या जिस क्षेत्र से वे आते हैं, उस वजह से उनके साथ मारपीट या भेदभाव किया जा रहा है।”
इसके अलावा देश के 150 से अधिक वैज्ञानिकों ने मॉब लिंचिंग से जुड़े लोगों को वोट न देने की अपील की है। साथ ही असमानता, भेदभाव और डर के माहौल के खिलाफ वोट देने की गुजारिश की है। इनमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर), इंडियन स्टैटिकल इंस्टीट्यूट (आईएसआई), अशोका यूनिवर्सिटी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
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