एक लाख से अधिक किसान और मज़दूर अपने मांगों को लेकर दिल्ली पहुंचे 

Team Suno Neta Tuesday 4th of September 2018 02:56 PM
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दिल्ली में "मज़दूर किसान संघर्ष रैली" में भाग लेते किसान और मज़दूर

नई दिल्ली: भारत के कोने कोने से एक लाख से अधिक संख्या में किसान और मज़दूर दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार को केंद्र सरकार के नीतियों का विरोध जताने और अपने मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखने के लिए इकट्ठे हुए। 

यह किसान और मज़दूर ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS), ऑल इंडिय एग्रीकल्चरल वर्कर्स यूनियन (AIAWU) और सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) द्वारा संयोजित रूप से आयोजित किया गया "मज़दूर किसान संघर्ष रैली" में भाग लेने के लिए आए हैं।

इतनी बड़ी संख्या में किसान और मज़दूर जमा हो जायेंगे, इसका अंदेशा आयोजकों को नहीं था। AIKS के संयुक्त सचिव विजू कृष्णन ने इतने बड़े जमावड़े को देखकर घबराए गए क्यों की जब वह किसान और मज़दूर सोमवार शाम को रामलीला मैदान पहुंचे तब वहां लगातार बारिश हो रही थी और खराब जल निकासी तंत्र के कारण पूरा का पूरा रामलीला मैदान पानी के नीचे पूरी तरह से डूबे हुआ था।

AIKS के मुताबिक देश भर से एक लाख से ज्यादा किसान और मज़दूर 2 सितंबर को दिल्ली आने लगे थे और रामलीला मैदान में AIKS ने उन्हें रखने की योजना बनाई थी। स्वयंसेवकों को ज़मीन के एक हिस्से को साफ़ करने और तम्बू लगाने में कामयाबी हासिल हुई, जहां उन्होंने लकड़ी के बोर्ड को लगाया और उन्हें पीले प्लास्टिक की चादरों से ढक कर उन पर तंबू लगा दिए।

23 राज्यों के मज़दूर और किसान दिल्ली में न्यूनतम परिश्रमिक के ऊपर संशोधन से किसानों के लिए लाभकारी मूल्यों के लिए मांग के साथ आए हैं। लगभग 5,000 ने नासिक से यात्रा की है, जिनमें से कई इस साल मार्च में नासिक से मुंबई तक की गयी मार्च का भी हिस्सा थे। एक समूह ने केरल के पल्लकाड से मोटरसाइकिलों पर ही यहां पहुँच गए। मणिपुर के एक और समूह ने स्थानीय पुलिस द्वारा धमकी मिलने के बावजूद यहाँ तक यात्रा कर पहुंचे।

रामलीला मैदान के अंदर AIKS ने जमा हुए मज़दूरों और किसानों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की हैं। डॉक्टरों के साथ एक मेडिकल सेंटर 24 घंटे के लिए उपलब्ध कराया गया हैं।

मज़दूरों का कहना हैं की वह न्यूनतम परिश्रमिक वृद्धि के लिए आए हैं और पूरे देश के किसानों के साथ एकजुटता से खड़े हैं जो बहुत ही पीड़ित हैं। मज़दूरों और किसानों ने मंगलवार को सुबह 9 बजे रामलीला मैदान से अपना मार्च शुरू किया। मार्च संसद स्ट्रीट पर जाकर खत्म हुआ, जहां देश भर के किसानो और मज़दूरों के प्रतिनिधिओं ने अपनी शिकायतों और मांगों की लिस्ट को केंद्र सरकार को दिए।

इन किसानों और मज़दूरों का प्रमुख मांगे थी:

1. बढ़ते कीमतों पर नियंत्रण करना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सरकारी राशन के वस्तुओं के व्यापार पर रोक।
2.  न्यूनतम परिश्रमिक 18,000 रूपये प्रति माह।
3. विरोधी कार्यकर्ता श्रम कानून संशोधन पर रोक लगाए।
4. स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के अनुसार किसानों के लिए न्यूनतम परिश्रमिक मूल्य, सार्वजनिक खरीद सुनिश्चित करें।
5. MGNREGA सिर्फ शहरी छेत्रों में ही नहीं बल्कि ग्रामीण छेत्र में भी संशोधन के साथ आए।
6. गरीब किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए ऋण छूट।
7.  कृषि श्रमिकों के लिए व्यापक कानून।
8. सभी के लिए खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास।
9. सामाजिक सुरक्षा।
10. भूमि अधिग्रहण जबरन बंद करो।


 

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