नोएडा के पार्कों में नमाज़ पढ़ने की रोक को लेकर हो रहा है विवाद 

Team Suno Neta Thursday 27th of December 2018 12:22 PM
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ई दिल्ली: नोएडा के पार्कों में नमाज़ पढ़ने की रोक को लेकर सियासी बयानबाज़ी शुरू हो गयी है। 25 दिसंबर के दिन  नोएडा के सेक्टर 58 में स्थानीय लोगों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लोगों को नमाज पढ़ने से रोक दिया था। अब यह मामला काफी विवादों में आ गया है। सेक्‍टर-58 थाने के प्रभारी ने वहां की कंपनियों को नोटिस भी जारी किया था कि माहौल न बिगड़ने देने के लिए कर्मचारियों को पार्क में नमाज पढ़ने से रोका जाए। नोटिस में कहा गया था कि अगर सार्वजनिक स्‍थान पर नमाज पढ़ी गई तो इसकी जिम्‍मेदार संबंधित कंपनी होगी। हालांकि, इसके बाद प्रशासन की तरफ से साफ किया गया कि इसकी जिम्‍मेदार कंपनी की नहीं होगी। पुलिस का कहना है कि नमाज़ पढ़ने से आपत्ति नहीं है बल्कि इसकी इजाज़त लेना ज़रूरी है।

पार्क में नमाज पढ़ने पर लगाई रोक को उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी ने भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने रोक लगाई है। सर्वोच्च अदालत ने सार्वजनिक स्थल पर धार्मिक कार्यक्रम करने पर मनाही का आदेश दिया था। सार्वजनिक स्थलों में नमाज पढ़ने से पहले आपको इजाज़त लेनी चाहिए थी। नमाज पढ़ने के लिए पार्क ही जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सांप्रदायिक माहौल न बिगड़े, यह हमारी खुद की भी जिम्मेदारी है।

इसके बाद सियासी बयानबाज़ी भी शुरू हो गयी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को कहा था कि नोएडा पुलिस द्वारा मुस्लिमों को एक सार्वजनिक पार्क में नमाज अदा करने से रोकने का आदेश ‘भेदभावपूर्ण और गैरजिम्मेदाराना’ है और इसका मकसद 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा सरकार की विफलताओं को छिपाना है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता संपूर्णानंद ने DGP को चिट्ठी लिख प्रदेश में लगने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखाओं पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग नियम क्यों चलाया जा रहा है। जब खुले में नमाज पर रोक लगाई गई है, तो यही नियम RSS की शाखा पर क्यों नहीं लागू किया जा रहा है। इस प्रकार का आदेश देना पूरी तरह से अनावश्यक है। आपको बता दें कि संपूर्णानंद उत्तर प्रदेश कांग्रेस के विचार विभाग के प्रमुख हैं।


 

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