मुज़फ़्फ़रपुर में बच्चों की जारी मौत के 19 दिनों बाद अस्पताल पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध प्रदर्शन 

Team Suno Neta Tuesday 18th of June 2019 05:40 PM
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नीतीश कुमार का विरोध करते लोग 

नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार की वजह से अब तक 110 से ज्यादा बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। पिछले एक हफ्ते से हाहाकार मचा है लेकिन सुशासन बाबू के नाम से मशहूर बिहार के  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 17 दिनों बाद जब अस्पताल में पहुंचे तो उनका जमकर विरोध किया गया। बाहर खड़े लोगों ने 'नीतीश गो बैक' और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

हालांकि, सीएम के दौरे को लेकर पहले से ही विरोध की आशंका थी जिसको लेकर एसकेएमसीएच अस्पताल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे बावजूद इसके लोगों ने परिसर के बाहर जमकर नारेबाजी की।

सीएम नीतीश के अस्पताल आने के दौरान कई बीमार बच्चों को भी अंदर आने से रोका गया जिससे लोगों का आक्रोश और बढ़ गया। लोग सीएम के देर से आने के साथ-साथ अस्पताल में सुविधाओं के अभाव को लेकर भी खासे नाराज थे और अस्पताल में कुव्यवस्था होने की बात कह रहे थे।

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे थे। पटना एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सड़क मार्ग से मुजफ्फरपुर आने के दौरान जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए थे और विरोध में नारेबाजी की थी। डॉ हर्षवर्धन के साथ अश्विनी चौबे और मंगल पांडेय भी पहुंचे थे।

इधर बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्रियों के खिलाफ जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल की गई है। इस पीआईएल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को भी नामजद किया गया है। खबरों के अनुसार, सभी पर बच्चों की मौत के प्रति उदासीनता के आरोप लगाए गए हैं।

बच्चों की मौत पर भाजपा सांसद अजय निषाद का बेतुका बयान सामने आया है। निषाद ने कहा कि चमकी बुखार के लिए 4जी जिम्मेदार है। इसकी वजह से मौतें हो रही हैं। भाजपा सांसद ने गांव, गर्मी, गरीबी और गंदगी को 4G बताया। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के लोग इस बीमारी से ताल्लुक हैं। उनका रहन-सहन नीचे है। बच्चे बीमार हैं।

इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि यह बच्चों की मौत नहीं हत्या है। राबड़ी के मुताबिक, "एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था, सीएम का महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच, लचर और भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के गैर-जिम्‍मेदाराना व्यवहार और भ्रष्ट आचरण के कारण गरीबों के 1000 से ज्‍यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गई है।"


 

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