INS विक्रमादित्य में लगी आग, बुझाने की कोशिश में एक नौसेना अधिकारी शहीद 

Shruti Dixit  Saturday 27th of April 2019 07:33 PM
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INS विक्रमादित्य

नई दिल्ली देश के सबसे बड़े विमानवाहक पोत INS विक्रमादित्य पर शुक्रवार को आग लगने से नौसेना के एक अफसर की मौत हो गई। आग उस समय लगी जब यह पोत कर्नाटक के कारवार बंदरगाह पहुंच रहा था। भारतीय नौसेना की ओर से बताया गया है कि लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान के नेतृत्व में पोत पर लगी आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा था। क्रू के फौरन ऐक्शन की बदौलत पोत को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। हालांकि इस दौरान आग और धुएं के चलते लेफ्टिनेंट कमांडर अचेत हो गए।

नेवी ने बताया, लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान ने बहादुरी से प्रभावित कम्पार्टमेंट में आग पर काबू पाने का प्रयास किया। इसी दौरान वे धुएं के चलते बेहोश हो गए। इसके बाद डीएस चौहान को करवार में नेवी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। नेवी के मुताबिक, युद्धपोत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। आग पर काबू पा लिया गया। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। आपको बता दें कि रूस के युद्धपोत एडमिरल गोर्शकोव को ही नौसेना ने आईएनएस विक्रमादित्य नाम दिया गया है।

विशेषता की बात करें तो विक्रमादित्य एक तरह से तैरता हुआ शहर है। यह लगातार 45 दिन समुद्र में रह सकता है। इसकी हवाई पट्टी 284 मीटर लंबी और अधिकतम 60 मीटर चौड़ी है। इसका आकार तीन फुटबॉल ग्राउंड के बराबर है। 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से बने विक्रमादित्य पर 30 लड़ाकू विमान, टोही हेलिकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं। विक्रमादित्य पर कुल 22 डेक हैं। एक बार में 1600 से ज्यादा जवान इस पर तैनात किए जा सकते हैं। इस पर लगे जेनरेटर से 18 मेगावाट बिजली मिलती है। इसमें समुद्री पानी को साफ कर पीने लायक बनाने वाला ऑस्मोसिस प्लांट भी लगा है।

गौरतलब है कि साल 2016 में कर्नाटक के कारवाड़ में युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य में गैस लीक के कारण दो नौसैनिकों की की दुखद मौत हो गई थी। बताया जाता है कि दोनों लोग सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत कर रहे थे, तभी गैस लीक हो गई और यह हादसा हुआ था।


 

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