‘मिशन शक्ति’ पर नासा की प्रतिक्रिया, स्पेस स्टेशन के लिए खतरा बढ़ा 

Shruti Dixit  Tuesday 2nd of April 2019 12:22 PM
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मिशन शक्ति

नई दिल्ली अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना कि भारतीय सैटेलाइट के नष्ट होने से 400 टुकड़े हुए। ये अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। इसके चलते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) और उसमें रह रहे एस्ट्रोनॉट्स को खतरा पैदा हो गया है। भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) ने 27 मार्च को एंटी-सैटेलाइट (ए-सैट) मिसाइल का टेस्ट किया था। इस दौरान 300 किलोमीटर दूर पृथ्वी की निचली कक्षा में लाइव सैटेलाइट को नष्ट करने में कामयाबी मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की जानकारी दी थी। नासा के मुताबिक, इससे आनेवाले दिनों में इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया खतरा पैदा हो गया है। नासा की तरफ से यह बात उनके प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कही। सोमवार को नासा के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत द्वारा पांच दिन पहले किए गए टेस्ट का जिक्र किया।

बता दें कि भारत ने पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलोमीटर की रेंज पर मौजूद एक सैटलाइट को मार गिराया था। इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने देश को दी थी। उन्होंने देश के नाम संबोधन में बताया था कि ऐसा करके भारत ने स्पेस पावर के तौर पर खुद को स्थापित किया है। उन्होंने बताया था कि भारत का यह ऐंटी-सैटलाइट मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है। इस टेस्ट को चिर-प्रतिद्वंद्वियों पाकिस्तान और चीन के लिए कड़ा संदेश भी माना जा रहा था। उन्होंने कहा कि अभी तक करीब 60 टुकड़ों का ही पता चला है जिनमें से 24 अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में घोषणा की थी कि भारत ने अंतरिक्ष में मिसाइल से एक उपग्रह मार गिराया है। इस क्षमता को हासिल करने के साथ ही वह अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की कतार में शामिल हो गया है।

नासा चीफ ने आगे कहा कि यह भयानक, बेहद भयानक है कि ऐसा काम किया गया जिससे मलबा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से भी ऊपर जा रहा है। ऐसी गतिविधियों की वजह से भविष्य में मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल हो जाएगा। वह यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे टेस्ट उन्हें स्वीकार नहीं हैं और नासा इसके असर को बिल्कुल साफ बताना चाहता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यूएस मिलिट्री फिलहाल ऐसे 23,000 ऑब्जेक्ट पर नजर रखे हुए है जिनका साइज 10 सेंटीमीटर से ज्यादा है। इसमें 10,000 टुकड़े अंतरिक्ष मलबे के भी हैं। इनमें से 3 हजार सिर्फ चीन द्वारा 2007 में किए गए ऐसे ही प्रयोग की वजह से फैले थे। अब भारत द्वारा टेस्ट करने के बाद मलबे का स्पेस स्टेशन से टकराने के चांस 44 प्रतिशत बढ़ गए हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे मलबा वायुमंडल में प्रवेश करेगा वैसे-वैसे खतरा कम हो जाएगा।


 
 

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