सुप्रीम कोर्ट: मायावती को मूर्तियों पर खर्च हुआ जनता का पैसा लौटाना चाहिए
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती से कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश के लखनऊ और नोएडा में अपनी प्रतिमा व अपने पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियों के निर्माण में लगे जनता के पैसे को वापस करना चाहिए।
भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की खंडपीठ ने 2009 में वकीलों के एक समूह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।याचिका में आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ BSP की मिलीभगत से जनता के पैसे से ये मूर्तियां बनायीं गयी।
याचिका में कहा गया है कि मूर्ति निर्माण के कार्य को राज्य की नीति के रूप में अंजाम दिया जा रहा था, जो संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार मनमाना और हिंसक है। याचिका में आगे कहा गया कि ₹52.20 करोड़ की 60 हाथी मूर्तियों का निर्माण राज्य के धन का उपयोग करके सार्वजनिक स्थानों पर BSP के चुनाव चिन्ह के रूप में किया गया। इस मामले की अब अगली सुनवाई दो अप्रैल को होगी।
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