मनोहर पर्रिकर के निधन से गोवा में राजनीतिक अनिश्चितता
नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन से गोवा की राजनीति में अस्थिरता पैदा हो गई है। गोवा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए दावा ठोका है। इस बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पार्रिकर के उत्तराधिकारी की घोषणा करने में विफल रही है क्योंकि इसकी सीट घटकर12 हो गई है।
गोवा राज्य विधानसभा में कुल 36 सीटें है जहां कांग्रेस के पास 14 विधायक होने का दावा है। भाजपा के 12 विधायक है। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) में तीन-तीन विधायक हैं, जबकि NCP के पास एक विधायक है। विधानसभा में तीन निर्दलीय उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस के दो सदस्यों ने पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
इस बीच कांग्रेस ने गोवा के राज्यपाल मृदुला सिन्हा पर निशाना साधते हुए कहा है कि भाजपा MGP और GFP दोनों का समर्थन खो चुकी है क्योंकि वे फरवरी 2017 में इस शर्त पर भाजपा में शामिल हुए थे कि पर्रिकर मुख्यमंत्री बनें थे।
राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने विधानसभा में बहुमत का दावा करते हुए कहा, “पार्टी में सभी विकल्पों पर काम किया जा रहा है। स्वाभाविक रूप से हम सभी गुटों के साथ बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का निर्णय और नाम उन लोगों पर निर्भर करेगा जो हमें मजबूत बनाने में शामिल होते हैं।”
दोनों पार्टियों ने पर्रिकर की मौत के कुछ घंटों के भीतर राज्य में अलग-अलग बैठकें कीं। रिपोर्टों के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि भाजपा कुछ समय के लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत को “अंतरिम मुख्यमंत्री” घोषित कर सकती है। कांग्रेस के विधायक अगली रणनीति पर चर्चा करने के लिए विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के आवास पर मिले।
गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को निधन हो गया। वह अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे।
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